बरनाला। कोरोना वायरस के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक भीड़ पर लगाई पाबंदी के बाद संघर्षशील संगठनों ने भी अपने संघर्षों की रूप रेखा बदल ली है, जिसके चलते बेरोजगार बीएड टैट पास अध्यापक यूनियन और बेरोजगार मल्टीपर्पज हैल्थ वर्कर यूनियन ने सांझे तौर पर दीवारों पर नारे लिखने की मुहिम शुरू कर सरकार के खिलाफ अपना रोष जताना शुरू कर दिया है।
बातचीत करते बेरोजगार हैल्थ वर्कर यूनियन और बेरोजगार बीएड टैट पास अध्यापक यूनियन के राज्य प्रधान सुखविन्दर सिंह ढिल्लवां, जगजीत सिंह जोधपुर, अमनदीप सिंह ने कहा कि सरकार की ओर से करोना वायरस की आड़ में उनके संघर्ष को रोकने की कोशिश की जा रही है। पंजाब की सत्ता पर काबिज कांग्रेस सरकार की ओर से चुनावों से पहले जो वायदे बेरोजगारों के साथ किये गए थे, जिनको अभी तक पूरा नहीं किया गया, जिस कारण बेरोजगारों में गुस्सा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। राज्य सरकार की इस वायदा खिलाफी को लोगों में लेजाने के लिए उनकी तरफ से लगातार संघर्ष चल रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से लगाई पाबंदी के बाद उनकी तरफ से दीवारों पर नारे लिखकर सरकार प्रति अपना रोष जताया जा रहा है, जिसमें अपनी, मांगों व सरकार की वायदा खिलाफी को सार्वजनिक किया जा रहा है। इसके साथ ही सोशल मीडिया के द्वारा यह मांगें सरकार तक पहुंंचाई जा रही हैं। नेताओं ने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से जो पद निकाले गए हैं, वह बहुत कम हैं, जिसके मुकाबले बेरोजगारों की संख्या और रिक्त पदों की संख्या से कहीं ज्यादा है। जिस कारण बेरोजगारों की ओर से संघर्ष की रूप रेखा बदली गई है।
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