गोरखपुर जिला प्रशासन ने निपाह वायरस से बचाव के जारी की एडवायजरी

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गोरखपुर (एजेंसी)।

उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के जिला प्रशासन ने निपाह वायरस से बचाव के लिए एडवायजरी जारी की है। मुख्यचिकित्साधिकारी ने आज यहां बताया कि निपाह का वायरस मनुष्यो को संक्रमित सुअर, चमगादड़ या अन्य संक्रमित जीवो के सम्पर्क में आने से फैलता है। यह वायरस चमगादड़ से फलों और उससे इंसानों और जानवरो में फैलता है।

उन्होने बताया कि जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग की सलाह पर एडवायजरी जारी की है। उन्होने कहा कि इस मौसम में पेडों से गिरे फल, सब्जियां सीधे खाने के साथ सुअर आदि के मांस से भी परहेज करना चाहिए।

खजूर की खेती करने वाले लोग इस संक्रमण के चपेट में जल्दी आते है। यह वायरस पहली बार 1998 में मलेशिया की निपाह प्रान्त में सामने आया था। इसी कारण इसका नाम निपाह वायरस रखा गया। भारत में सबसे पहले 2001 में सिलीगुडी और 2007 मे नादिया में इस वायरस की पुष्टि हुई थी। इसमें फ्रुट बैट सबसे खतरनाक चमगादड़ होता है।

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