GST | गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स

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53rd GST Council Meeting: जीएसटी परिषद की बैठक में ये वस्तुएं और सेवाएं हुई जीएसटी मुक्त! डिटेल में जानें, क्या सस्ता और क्या महंगा?

गुड्स एंड सर्विसिज टैक्स या वस्तु एवं सेवा कर भारत में 1 जुलाई 2017 से लागू एक महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था है जिसे सरकार व कई अर्थशास्त्रियों द्वारा इसे स्वतंत्रता के पश्चात सबसे बड़ा आर्थिक सुधार बताया है। इससे केन्द्र एवम विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा भिन्न भिन्न दरों पर लगाए जा रहे विभिन्न करों को हटाकर पूरे देश के लिए एक ही अप्रत्यक्ष कर प्रणाली लागू की गई है ताकि भारत को एकीकृत साझा बाजार बनाने में मदद मिले। भारतीय संविधान में इस कर व्यवस्था को लागू करने के लिए संशोधन किया गया है। एक जुलाई 2017 से पूर्व किसी भी सामान पर केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा कई तरह के अलग-अलग कर लगाती हैं लेकिन जीएसटी आने से सभी तरह के सामानों पर एक जैसा ही कर लगाया गया। पूर्व में किसी भी सामान पर 30 से 35% तक कर देना पड़ता था।

कुछ चीजों पर तो प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से लगाया जाने वाला कर 50% से ज्यादा होता था। जीएसटी आने के बाद यह कर अधिकतम 28 प्रतिशत हो गया है, जिसमें कोई भी अप्रत्यक्ष कर नहीं होगा। जीएसटी भारत की अर्थव्यवस्था को एक देश एक कर वाली अर्थव्यवस्था बनाएगा। फिलहाल भारतवासी 17 अलग-अलग तरह के कर चुकाते हैं जबकि जीएसटी लागू होने के बाद केवल एक ही तरह का कर दिया जाता है। इसके लागू होते ही एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, वैट, मनोरंजन कर, लग्जरी कर जैसे बहुत सारे कर खत्म हो जाएंगे। जीएसटी लागू होने के बाद किसी भी सामान और सेवा पर कर वहां लगेगा जहां वह बिकेगा। जीएसटी अलग-अलग स्तर पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी, एडिशनल एक्साइज ड्यूटी,सेंट्रल सेल्स टैक्स, वैट, लक्जरी टैक्स, सर्विस कर, इत्यादि की जगह अब केवल जीएसटी लगेगा।

 

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