UP Railway News: मुज्जफरनगर (अनु सैनी)। उत्तर प्रदेश के सैकड़ों किसानों की किस्मत बदलने वाली है। दरअसल, इस राज्य में एक नई रेल लाइन का निर्माण किया जा रहा है, जो दिल्ली-हावड़ा मेन रेल खंड से ताड़ीघाट-मऊ रेल लाइन को जोड़ने का अहम हिस्सा बनेगी। इस नई रेल लाइन के लिए लगभग 7 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इस परियोजना के तहत भदौरा से सोनवल तक करीब 11.10 किमी लंबी नई त्रिभुजाकार रेल लाइन बिछाई जाएगी। इसके लिए रेलवे विभाग ने इन गांवों के करीब 300 किसानों की 100 एकड़ से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया है। इस भूमि अधिग्रहण से किसानों को कुछ फायदा भी होने वाला है, क्योंकि उन्हें उनकी ज़मीन के बदले मुआवजा दिया जाएगा।
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नई रेल लाइन का महत्व | UP Railway News
यह परियोजना उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में स्थित ताड़ीघाट से जुड़ी है। इससे दिल्ली-हावड़ा मेन रेल खंड को मऊ और आसपास के क्षेत्रों से जोड़ने का रास्ता खुल जाएगा। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर ट्रेनों की आवाजाही को तेज और निर्बाध बनाना है। खासकर हावड़ा रूट पर चलने वाली ट्रेनों की गति में इजाफा होगा, जिससे यात्री समय की बचत कर सकेंगे और यातायात क्षमता भी बढ़ेगी। साथ ही, यह परियोजना मऊ और आस-पास के क्षेत्रों के लिए एक नई अवसर की तरह साबित होगी, क्योंकि इससे स्थानीय रेल कनेक्टिविटी में सुधार होगा और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा।
किसानों को मुआवजा और नोटिस | UP Railway News
नई रेल लाइन के निर्माण के लिए जो जमीन अधिग्रहित की जाएगी, उसके बदले किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। इस मामले में सेवराई तहसील का राजस्व विभाग किसानों को मुआवजा प्राप्त करने के लिए नोटिस जारी कर रहा है। इस योजना के तहत, अब तक 10 किसानों की पत्रावली भुगतान के लिए तहसील से जिला मुख्यालय भेजी जा चुकी है। इसके अलावा, राजस्व विभाग ने इस अधिग्रहण के लिए 37,83,530 रुपये की कुल प्रतिकर धनराशि की घोषणा की है, जो प्रभावित किसानों को दी जाएगी।
इस मुआवजे के वितरण की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है, और अब उन किसानों को नोटिस भेजा जा रहा है, जिनकी ज़मीन रेलवे द्वारा अधिग्रहित की जाएगी। नोटिस में यह भी कहा गया है कि नोटिस प्राप्ति के 60 दिन बाद इन किसानों से उनकी ज़मीन का कब्जा हटा लिया जाएगा और वह ज़मीन रेलवे मंत्रालय को सौंप दी जाएगी।
किसका कितना नुकसान होगा?
नई रेल लाइन परियोजना के अंतर्गत जिन 7 गांवों की ज़मीन का अधिग्रहण किया जाएगा, उनमें उसिया, दिलदारनगर, रक्सहां, कर्मा, बहुआरा, भदौरा, और सोनवल प्रमुख हैं। इन गांवों में रहने वाले लगभग 300 किसानों को इस परियोजना के कारण अपनी ज़मीन छोड़नी पड़ेगी। इन किसानों के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति है, क्योंकि उनकी ज़मीन को रेलवे के लिए अधिग्रहित किया जा रहा है। हालांकि, रेलवे ने इन किसानों को मुआवजा देने की योजना बनाई है, ताकि उन्हें इस प्रक्रिया से कुछ आर्थिक लाभ मिल सके।
कागजी कार्रवाई और मुआवजा प्रक्रिया | UP Railway News
मुआवजे के लिए आवश्यक दस्तावेज और शपथ पत्र तैयार करना होगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसानों की ज़मीन विवादमुक्त और किसी प्रकार के बंधक या अन्य कानूनी दबाव से मुक्त है। इन कागजी कार्यवाही के बाद किसानों को मुआवजा राशि उनके बैंक खातों में ई-पेमेंट के रूप में दी जाएगी। यह प्रक्रिया क्षेत्रीय लेखपाल के माध्यम से की जाएगी। सत्यापन के बाद ही किसानों को मुआवजा मिलेगा। इस मुआवजे के तहत हर किसान को उनकी ज़मीन के आकार और स्थान के हिसाब से उचित राशि दी जाएगी।
नई रेल लाइन के निर्माण से जुड़े फायदे
नई रेल लाइन के निर्माण से न केवल किसानों को मुआवजा मिलेगा, बल्कि इससे पूरे क्षेत्र की रेल यातायात की स्थिति भी बेहतर होगी। नई रेल लाइन भदौरा से सोनवल तक बिछाई जाएगी, और यह रेल लाइन उसिया, दिलदारनगर, रक्सहां, कर्मा, और बहुआरा गांवों से होकर गुजरेगी। इस नए रेल मार्ग से हावड़ा रूट पर ट्रेनें तेज़ी से चलने लगेंगी, जिससे यात्रियों को समय की काफी बचत होगी। इसके अलावा, नई रेल लाइन से मऊ जिले में रेलवे कनेक्टिविटी को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे यहां के लोगों को आवागमन में आसानी होगी।
रेल यातायात में सुधार और विकास
नई रेल लाइन का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि मऊ जिले से हावड़ा जाने वाली ट्रेनें सीधे दिल्ली-हावड़ा मेन रेल खंड से जुड़ जाएंगी। इससे पहले इन ट्रेनों को दिलदारनगर स्टेशन से होकर गुजरना पड़ता था, लेकिन इस नई रेल लाइन के बन जाने से ट्रेनें सीधे भदौरा से सोनवल तक रूट पर चलेंगी। इससे ट्रेन की रफ्तार में भी इजाफा होगा, और यात्री जल्दी अपनी मंजिल तक पहुंच पाएंगे।
परियोजना के पूर्व सर्वे और योजनाएं
नई रेल लाइन के निर्माण के लिए पहले एक सर्वे किया गया था। इस सर्वे में पाया गया कि यदि सरहुला से दिलदारनगर बाईपास तक ब्रांच लाइन जोड़ी जाती, तो इस इलाके में अधिक मकान होने के कारण समस्या होती। इसके बाद विभाग ने भदौरा से सोनवल तक नई रेल लाइन बिछाने का निर्णय लिया। यह सर्वे जुलाई 2024 में दानापुर मंडल के सिविल विभाग की दो टीमों द्वारा किया गया था। इस टीम ने भदौरा से लेकर दिलदारनगर बाईपास तक का क्षेत्र सर्वे किया, और यहां से होकर नई रेल लाइन बनाने की योजना बनाई।
आगामी योजनाएं और भविष्य की राह | UP Railway News
नई रेल लाइन के निर्माण के बाद ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाएगी, जिससे हावड़ा रूट की व्यस्तता में भी कमी आएगी। इसके अलावा, यह परियोजना न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि समग्र बिहार और उत्तर भारत के रेल यातायात को सुधारने में मदद करेगी। साथ ही, यह रेल परियोजना मऊ और आसपास के ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करेगी, क्योंकि निर्माण कार्य के दौरान बड़ी संख्या में श्रमिकों की आवश्यकता होगी।
इसके अलावा, इस परियोजना से जुड़े अन्य कार्य जैसे कि रेलवे क्रॉसिंग के निर्माण, रेलवे स्टेशन के उन्नयन और सुरक्षा उपायों को भी ध्यान में रखा जाएगा। यह सब मिलकर इस क्षेत्र को एक नई दिशा देगा और यहां के लोगों को बेहतर जीवनस्तर प्रदान करेगा।
नई रेल लाइन परियोजना उत्तर प्रदेश के किसानों, स्थानीय निवासियों और यात्रियों के लिए कई लाभ लेकर आ रही है। हालांकि, किसानों के लिए यह एक कठिन स्थिति है, क्योंकि उन्हें अपनी ज़मीन छोड़नी होगी, लेकिन उन्हें मुआवजा मिलने से उनकी स्थिति में कुछ सुधार होगा। इस रेल लाइन के बनने से न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि देश के बड़े रेल नेटवर्क को भी मजबूती मिलेगी, जिससे पूरे क्षेत्र का समग्र विकास होगा।