Haryana Metro News: गुरुग्राम (संजय मेहरा)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और NCR क्षेत्र में मेट्रो कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में तेजी से काम हो रहा हैं, इसी कड़ी में दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने रिठाला-बवाना-नरेला मेट्रो कॉरिडोर को दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर तक एक्सटेंड करने और वहां से आगे हरियाणा के कुंडली-नाथूपुरा तक इस लाइन का विस्तार करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने की घोषणा की हैं।
दरअसल दिल्ली मेट्रो के फेज-4 रिठाला-नरेला कॉरिडोर को हरियाणा के कुंडली-नाथूपुरा तक बढाया जाएगा, दिल्ली सरकार की ओर से इसको लेकर सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई हैं, अब इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, वहां से मंजूरी मिलने के बाद इस कॉरिडोर के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, यह 26.46 किलोमीटर का लंबा रूट होगा, कुछ 21 मेट्रो स्टेशन बनाए जाने की योजना है, 19 स्टेशन दिल्ली और 2 हरियाणा में होंगे। वहीं हाल ही में सीएम सैनी ने कहा कि दिल्ली के सराय कालेखां से करनाल तक आरआरटीएस, गुरूग्राम से बाढसा के एम्स तक मैट्रो लाईन को जोडने पर चर्चा चल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय आवासन एवं शहरी मामले मंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा को अवश्य ही इन परियोजनाओं को क्रियान्वित करने में लाभ प्राप्त होगा।
आसान होगा दिल्ली और हरियाणा के बीच का आवागमन | Haryana Metro News
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि इससे दिल्ली और हरियाणा के बीच हजारों लोगों का आवागमन आसान हो जाएगा और साथ ही दोनों राज्यों के बीच पब्लिक ट्रांसपोर्ट के जरिए कनेक्टिविटी भी और बढ़ेगी, उन्होंने बताया कि Phase-4 में मेट्रो की रेडलाइन को एक्सटेंड किया जा रहा हैं, पहले से प्रस्तावित रिठाला-बवाना-नरेला कॉरिडोर को अब हरियाणा के कुंडली – नाथुपुरा तक बढाया जाएगा।
4 साल में पूरा होगा ये प्रोजेक्ट | Haryana Metro News
गहलोत ने कहा कि एक नरेला से रिठाला कॉरिडोर की लंबाई 22 किलोमीटर थी, उसकी मंजरी बाकी थी। बाद में इसका विस्तार हरियाणा तक किए जाने का फैसला किया गया था, अब हरियाणा तक विस्तार को भी केजरीवाल सरकार ने सैंद्धांतिक मंजूरी दे दी हैं, इस कॉरिडोर को बनाने में 4 साल का समय लगेगा, इस विस्तार से यात्रियों को महत्वपूर्ण राहत मिलेगी और दोनों राज्यों के बीच कनेक्टिविटी बढेगी। परिवहन मत्री ने कहा कि यह विस्तार दिल्ली- हरियाणा के निवासियों के आवागमन की दिशा में अहम कदम हैं, लक्ष्य यह है कि हम यात्रा का समय, सड़कों पर भीड़ और सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढावा दे सके।