
Haryana Railway News: अंबाला। रेल मंत्रालय ने हाल ही में दिल्ली और अंबाला के बीच स्थित रेलवे मार्ग को फोरलेन में बदलने के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना की मंजूरी दी है। यह कदम दिल्ली-अंबाला रेल मार्ग पर बढ़ती यात्री संख्या और माल परिवहन की समस्याओं को हल करने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस योजना से न केवल रेल यात्रा में सुधार होगा, बल्कि यात्रियों को बेहतर सुविधाएं और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलेगा। इस प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली और अंबाला के बीच 193.6 किमी लंबा रेलवे ट्रैक अब चार ट्रैक वाले मार्ग में बदलेगा।
वर्तमान स्थिति और समस्या | Haryana Railway News
दिल्ली और अंबाला के बीच रेलवे मार्ग पर वर्तमान में सिर्फ दो ही ट्रैक हैं, जो यात्री और माल परिवहन की बढ़ती मांग को पूरा करने में असमर्थ हैं। इस कारण ट्रेन संचालन में देरी, क्षमता का दबाव और यात्री सुविधाओं की कमी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। रेल मंत्रालय ने इन समस्याओं का समाधान करने के लिए इस मार्ग को फोरलेन बनाने का निर्णय लिया है। फोरलेन से न केवल रेलवे नेटवर्क का विस्तार होगा, बल्कि ट्रेनों के संचालन में भी सुधार होगा, जिससे यात्रियों को बेहतर अनुभव मिलेगा।
परियोजना की लागत और समय सीमा
दिल्ली-अंबाला रेलवे मार्ग को फोरलेन में बदलने के लिए कुल 7,074 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है। इस प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 193.6 किमी है, और इसे पूरा करने में लगभग चार साल का समय लगने का अनुमान है। परियोजना के तहत 32 रेलवे स्टेशनों पर विकास कार्य किया जाएगा, जिससे यात्री सुविधाओं में भी सुधार होगा। इन विकास कार्यों में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, टूरिज्म सुविधाएं और अन्य उपयोगी ढांचे शामिल होंगे। इसके अलावा, क्षेत्रीय टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान होगा।
भूमि अधिग्रहण और प्रभावित क्षेत्र
इस परियोजना को शुरू करने के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। इसके तहत 15 गांवों से कुल 11 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, जिसमें समालखा डिवीजन के आठ गांव और रेस्तरां के सात गांव शामिल हैं। भूमि अधिग्रहण के बाद प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा, परियोजना के लिए 80 हेक्टेयर भूमि निजी तौर पर और 5 हेक्टेयर भूमि सरकारी तौर पर अधिग्रहित की जाएगी। भूमि अधिग्रहण इस परियोजना की शुरुआत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इसके बिना रेलवे लाइन का विस्तार संभव नहीं हो सकता।
जिला प्रशासन और रेलवे अधिकारियों की बैठक | Haryana Railway News
इस परियोजना के बारे में जिला प्रशासन और रेलवे अधिकारियों के बीच कई बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों में परियोजना की दिशा, रणनीति और कार्यान्वयन प्रक्रिया पर चर्चा की गई है। जिला प्रशासन ने भूमि अधिग्रहण, परियोजना के लाभ और अन्य आवश्यकताओं पर विचार किया। अधिकारियों ने इस परियोजना से होने वाले लाभों पर भी चर्चा की, जिससे परियोजना की दिशा को लेकर स्पष्टता बनी और कार्य की गति तेज हुई। इसके साथ ही, प्राकृतिक संसाधनों के प्रभाव का भी ध्यान रखा गया, ताकि परियोजना के संचालन में कोई विघ्न न आए।
रेलवे पर बढ़ता दबाव और फोरलेन की आवश्यकता
दिल्ली-अंबाला मार्ग पर यात्री और माल परिवहन की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिससे ट्रेनों के संचालन पर दबाव बढ़ रहा है। वर्तमान में केवल दो ट्रैक होने के कारण ट्रेनें समय पर नहीं चल पा रही हैं, जिससे यात्रियों को असुविधा हो रही है। इस समस्या का समाधान फोरलेन परियोजना के माध्यम से होगा, जिससे ट्रेनों के बीच की दूरी बढ़ जाएगी और ट्रेनों की गति में भी सुधार होगा। फोरलेन से न केवल ट्रेनों के संचालन में सुधार होगा, बल्कि यात्रा का समय भी घटेगा, जिससे यात्रियों को सुविधाजनक यात्रा का अनुभव होगा।
यात्री सुविधाओं में सुधार | Haryana Railway News
फोरलेन परियोजना के तहत रेलवे स्टेशनों पर भी सुविधाओं में सुधार किया जाएगा। यात्रियों के लिए आरामदायक इंतजाम, बेहतर सुरक्षा और स्वच्छता सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे न केवल यात्रियों की यात्रा का अनुभव बेहतर होगा, बल्कि रेलवे नेटवर्क की क्षमता भी बढ़ेगी। फोरलेन से न केवल दिल्ली-अंबाला मार्ग की यात्रा आसान होगी, बल्कि इस मार्ग से जुड़े अन्य शहरों और इलाकों की यात्रा में भी सुधार होगा।
पर्यावरण और विकास का संतुलन
इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण और विकास कार्य करते समय पर्यावरणीय प्रभाव का भी ध्यान रखा जाएगा। परियोजना की दिशा और कार्यों के लिए अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया है कि पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखा जाए। इसके साथ ही, भूमि अधिग्रहण से प्रभावित लोगों के पुनर्वास और मुआवजे के बारे में भी विचार किया जा रहा है, ताकि उनका जीवन भी प्रभावित न हो।
दिल्ली और अंबाला के बीच रेलवे मार्ग को फोरलेन में बदलने की योजना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल रेलवे नेटवर्क को सशक्त बनाएगी, बल्कि यात्रियों को भी बेहतर यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी। इस परियोजना के जरिए रेलवे ट्रैक की क्षमता बढ़ेगी, ट्रेनों का संचालन सुचारू रूप से होगा और यात्री सुविधाओं में सुधार होगा। इसके अलावा, इस परियोजना से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। उम्मीद है कि यह परियोजना समय पर पूरी होगी और इसके परिणामस्वरूप यात्रियों को बेहतर और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलेगा।