फतेहाबाद (सच कहूँ न्यूज)। New Ayushman Card: हरियाणा में आयुष्मान भारत-चिरायु हरियाणा योजना के तहत पांच लाख रुपये की चिकित्सा सुविधा का लाभ अब 1.80 लाख रुपये से तीन लाख रुपये वार्षिक आय वाले परिवार को भी मिलेगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (CM Manohar Lal) ने योजना के विस्तारीकरण को लेकर इस सम्बंध में पोर्टल लाँच किया। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत कहा कि योजना के तहत परिवारों को मात्र 1500 रुपये वार्षिक का अंशदान देना होगा। योजना के विस्तार से प्रदेश के आठ लाख और परिवार लाभान्वित होंगे। Haryana
इस पहले मुख्यमंत्री ने महमदकी गांव की जसविंदर कौर का पंजीकरण कराया जिससे वह इस योजना की पहली पंजीकृत लाभार्थी बनीं। इसके बाद फतेहाबाद की ही दीपिका का भी मौके पर ही पंजीकरण किया गया। मंगलवार यानी 15 अगस्त से विधिवत रूप से यह पोर्टल चालू होगा और एक माह तक खुला रहेगा। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना में 1.20 लाख रुपये सालाना आय वाले परिवारों को शामिल किया गया था। इससे प्रदेश के लगभग 9.36 लाख परिवारों को लाभ मिला। राज्य सरकार ने अधिकाधिक लोगों को योजना का लाभ देने के उद्देश्य से इसका दायरा बढ़ाते हुए चिरायु हरियाणा योजना शुरू की और लाभ के लिये सालाना आय सीमा 1.20 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.80 लाख रुपये कर दी। Haryana
इससे प्रदेश के लगभग 28 लाख से अधिक परिवार लाभान्वित हुए। अब जिन लोगों की आमदनी 1.80 लाख रुपए से ज्यादा और 3 लाख रुपये वार्षिक से कम होगी, वे परिवार भी मात्र 1500 रुपए का वार्षिक प्रीमियम देकर इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। इस प्रकार, आयुष्मान भारत चिरायु हरियाणा योजना में लाभ लेने वाले परिवारों की संख्या लगभग 38 लाख हो जाएगी। Haryana
मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना में प्रदेश के 965 अस्पताल पैनल पर होंगे, जिनमें 175 सरकारी और बाकी निजी अस्पताल हैं, जहां आयुष्मान योजना के तहत पात्र परिवार लाभ ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 85.38 लाख आयुष्मान कार्ड बनाये जा चुके हैं तथा 7.15 लाख लाभार्थियों ने ईलाज की सुविधा का लाभ लिया है, जिस पर सरकार ने 919 करोड़ रुपये की राशि वहन की है। विपक्ष द्वारा पोर्टल की सरकार कहे जाने वाले बयान को लेकर प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा, ह्यह्यहमें पोर्टल की सरकार होने पर गर्व है। पोर्टल होने से ही सभी सुविधाएं जनता तक त्वरित पहुंच पाई हैं। अभी हाल ही में प्रदेश में आई बाढ़ के कारण जान गंवाने वाले मृतकों के परिजनों को केवल एक सप्ताह में ही 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता पहुंचाई गई, यह केवल पोर्टल के कारण ही संभव हुआ है। Haryana
उन्होंने कहा कि पोर्टल के कारण ही आज डीबीटी के माध्यम से किसानों के खातों में सीधे पैसे पहुंच रहे हैं। इसके अलावा छात्रवृत्ति, पेंशन की राशि और अन्य कई प्रकार की सब्सिडी की राशि सीधे पात्र लाभार्थियों के खातों में पहुंच रही हैं। उन्होंने कहा कि पहले कृषि और राजस्व विभाग के आंकड़े मेल नहीं खाते थे, लेकिन मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर किसानों द्वारा पंजीकरण करने से सही आंकड़ा प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल 18 अगस्त तक खुला है, जिस पर नागरिक बाढ़ से हुए नुकसान का ब्यौरा भर सकते हैं।
ग्रुप-56 और 57 के सीईटी परीक्षा में प्रश्नों के रिपीट होने को लेकर सवाल पर श्री खट्टर ने कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग स्वायत्त संस्था है और अलग-अलग पेपर के लिए अलग-अलग पेपर सेटर होते हैं। ग्रुप-56 और 57 के लिए बारहवीं तक के सिलेबस के आधार पर ही प्रश्न तैयार किए जाने थे और पेपर सेटरों ने अपने-अपने विवेक से अलग-अलग प्रश्न पत्र तैयार किए। आमतौर पर विशेषज्ञ भी कहते हैं कि इस सिलेबस के आधार पर 500 के आस-पास प्रश्न तैयार हो सकते हैं, इसलिए 20 से 25 प्रतिशत प्रश्नों के एक जैसे होने की सम्भावना रहती है।
क्लर्कों की हड़ताल को लेकर उन्होंने कहा कि कई दौर की बातचीत हो चुकी है और 16 अगस्त को फिर बातचीत होगी, जिसमें उनकी हड़ताल खत्म होने की सम्भावना है। क्लर्कों को अभी 19,900 वेतनमान दिया जा रहा है और सरकार ने उन्हें 21,700 पे-स्केल का आॅफर दिया है। इसके अलावा, वे नए वेतनमान को आठ वर्ष पहले से लागू करने की मांग कर रहे हैं, जिसका अध्ययन किया जा रहा है। एनएचएम कर्मियों को लेकर उन्होंने कहा कि एनएचएम केंद्र सरकार की आउटसोर्सिंग नीति के कर्मी हैं। उन्होंने वेतनमान नहीं दिया जा सकता। आशा वर्कर, आंगनवाड़ी वर्करों को भी हरियाणा अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक मानदेय दे रहा है। इस मौके पर सांसद सुनीता दुग्गल, सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो के अध्यक्ष सुभाष बराला, विधायक दूड़ा राम, लक्ष्मण नापा, स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव राजनारायण कौशिक सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।