Haryana Railway News: जींद। हरियाणा में रेलयात्रियों के लिए अच्छी खबर आई है। रेलवे विभाग की ओर से पिछले करीब 50 दिनों से बंद पड़ी दो पैसेंजर ट्रेनों के संचालन को हरी झंडी दिखा दी है। 26 सितंबर से ट्रेन नंबर 04432, जाखल- दिल्ली और ट्रेन नंबर 04425/ 26, दिल्ली- नरवाना पैसेंजर ट्रेन का दिल्ली की ओर आवागमन शुरू हो गया है। इन ट्रेनों के दोबारा संचालन से यात्रियों ने राहत की सांस ली है। वहीं ट्रेन नंबर 14023/24, कुरूक्षेत्र- दिल्ली डीएमयू अभी दिल्ली की बजाय शकूर बस्ती तक ही अप- डाउन करेगी। 30 सितंबर तक इस ट्रेन का यही शेड्यूल रहेगा। बता दें कि इसी साल 11 अगस्त को रेलवे ने दिल्ली- पंजाब के बीच आवाजाही करने वाली दो पैसेंजर और एक डीएमयू ट्रेन को रद्द कर दिया था, क्योंकि दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-2 पर मरम्मत कार्य चल रहा था।
यात्रियों की मांग पर संचालन शुरू | Haryana Railway News
रेलवे ने यात्रियों की मांग पर 28 अगस्त से बंद पड़ी ट्रेन नंबर 14023/ 24, दिल्ली- कुरूक्षेत्र डीएमयू ट्रेन के फिर से संचालन का आदेश दिया था, लेकिन इस ट्रेन को फिलहाल शकूर बस्ती तक ही संचालित किया जा रहा है। यह ट्रेन 30 सितंबर तक शकूर बस्ती से ही अप- डाउन करेगी। उधर, दिल्ली- भटिंडा के बीच संचालित होने वाली सभी ट्रेनें सुचारू रूप से दौड़ पड़ी है।
जल्दी बदलेगी कैथल रेलवे स्टेशन की नुहार | Haryana Railway News
बहुत ही जल्द कैथल रेलवे स्टेशन की कायाकल्प होने वाली है | 154 साल पुराने रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म की लम्बाई बढाई जाएगी और साथ ही इसको ऊँचा भी किया जाएगा | इसके साथ ही यहाँ एक टिकट घर भी अलग से बनाया जायेगा | हालाँकि अभी विधानसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लगी हुई है, जिस कारण काम थोडा विलम्ब से जरुर शुरू होगा | जानकारी के अनुसार पिछले दिनों कैथल रेलवे स्टेशन पर दिल्ली और कुरुक्षेत्र से पहुंची टीम ने रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया। इस टीम में करीब आठ सदस्य शामिल थे। जिसमें कुरुक्षेत्र-नरवना रेल सेक्शन के सीनियर सेक्शन इंजीनियर जेके अरोड़ा मुख्य रूप में मौजूद थे।
टीम के सदस्य सर्वे के दौरान कैथल स्टेशन पर नक्शा लेकर पहुंचे थे। उन्होंने नक्शे के अनुसार बताया कि यह प्लेटफार्म इस समय 300 फीट लंबा है, जिसे बढ़ाकर 550 फीट किया जाएगा। इसके साथ इसे ऊंचा भी उठाने की योजना है। स्टेशन के दूसरी तरफ एक टिकट घर भी बनाया जाएगा| इनके पूरा होने के बाद अब रेल यात्रियों को भी अच्छी सुविधाएं मिल सकेंगी | विकास कार्य फिलहाल शुरू नहीं हो पाएंगे। क्योकि अभी प्रदेश में चुनाव के चलते अचार संहिता लगी हुई है। उम्मीद है कि आचार संहिता के हटने के बाद जल्द ही इस पर रेलवे के उच्च अधिकारी अंतिम निर्णय लेकर काम शुरू कर दे |
पांच साल पहले बनवाई थी पार्किंग-
रेलवे की ओर से करीब पांच साल पहले कैथल रेलवे स्टेशन पर पांच करोड़ रुपये की लागत से विकास कार्य करवाए थे। इन कार्याें के तहत पार्किंग, टिकट घर, प्रतीक्षालय, स्टेशन अधीक्षक कक्ष का निर्माण और इंटरलॉक सिस्टम लागू किया गया था। अब करीब पांच साल के बाद स्टेशन पर रेलवे की ओर से फिर से विकास कार्य करने के लिए योजना बनाई गई है।
प्लेटफार्म नीचा होने के कारण बच्चों और बुजुर्गाें को होती है दिक्कत
इस समय कैथल रेलवे स्टेशन का प्लेटफार्म काफी छोटा है। प्लेटफार्म छोटा होने के कारण यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। यहां आने वाले यात्रियों को गाड़ियों में चढ़ने में बहुत समस्या होती है। क्योंकि रात के समय साबरमती जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन के आधे डिब्बे प्लेटफार्म के नीचे रहते हैं। क्याेंकि इस ट्रेन के 16 डिब्बे हैं। इसके साथ ही अन्य ट्रेनों में भी प्लेटफार्म नीचा होने के कारण बच्चों और बुजुर्गाें को दिक्कत होती है। रेल यात्री कल्याण समिति ने सांसद नवीन जिंदल को कैथल स्टेशन के सुधार के लिए भेजा था। इसमें प्लेटफार्म को लंबा व ऊंचा करने की मांग की थी।
कैथल का रेलवे स्टेशन करीब 154 साल पुराना है। इसकी स्थापना अंग्रेजों के शासनकाल में हुई थी। उस समय कैथल में चावल का अच्छा व्यापार होने के चलते अंग्रेजों ने वाया कैथल से नरवाना से कुरुक्षेत्र के लिए नई रेलवे लाइन बिछाई थी। इन 150 साल में अभी तक इस लाइन पर केवल विद्युतीकरण ही हो पाया है। जबकि स्टेशनों पर उम्मीद के मुताबिक विकास कार्य नहीं हो पाया है।