मुंबई (एजेंसी)। महंगाई को नियंत्रित करने के लिए दुनिया भर में ब्याज दर में हुई बढ़ोतरी के दबाव में बीते सप्ताह 1.2 प्रतिशत तक टूटे शेयर बाजार पर अगले सप्ताह वैश्विक रुख, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का समर्थन और वाहन बिक्री के आंकड़ों का असर रहेगा। बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 672 अंक यानी 1.2 प्रतिशत लुढ़ककर सप्ताहांत 57426.92 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) 233 अंक टूटकर 17094.35 अंक पर रहा। इसी तरह बीएसई मझौली और छोटी कंपनियों पर भी बिकवाली हावी रही। मिडकैप 417.45 अंक की गिरावट लेकर 24853.94 अंक और स्मॉलकैप 359.85 अंक उतरकर 28452.91 अंक पर रहा।
निवेश सलाह देने वाली कंपनी स्वास्तिका इंवेस्टमेंट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि यह घरेलू शेयर बाजार में लगातार तीसरे सप्ताह गिरावट रही लेकिन शुक्रवार की तेज रिकवरी की बदौलत निफ्टी 17,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से ऊपर बंद हुआ। भारतीय अर्थव्यवस्था के आंकड़े अभी भी मजबूत हैं और रिजर्व बैंक (आरबीआई) की नीति के तटस्थ रहने से निचले स्तरों से कुछ खरीदारी और शॉर्ट कवरिंग देखी गई। वहीं, वैश्विक संकेत बिल्कुल भी सहायक नहीं हैं। अमेरिकी शेयर बाजार 52-सप्ताह के निचले स्तर पर आ गया। हालांकि डॉलर इंडेक्स थोड़ा नरम हुआ है। ऐसे में घरेलू बाजार में शुक्रवार की लौटी तेजी को जारी रखने के लिए वैश्विक बाजारों से कुछ समर्थन की जरूरत है। अगले सप्ताह भू-राजनीतिक स्थिति, अमेरिकी अर्थव्यवस्था के आंकड़े, डॉलर सूचकांक की दिशा और बॉन्ड यील्ड का वैश्विक बाजार की दिशा निर्धारित करने वाले महत्वपूर्ण कारक होंगे। घरेलू मोर्चे पर सितंबर की वाहन बिक्री के आंकड़े जारी हो रहे हैं। सेंसेक्स और निफ्टी की दिशा निर्धारित करने में एफआईआई के निवेश की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
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