राजपथ पर स्त्री शक्ति की झलक

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72वां गणतंत्र दिवस मौके पर दिल्ली के राजपथ पर निकली परेड में देश की सामरिक शक्ति, सामर्थ्य और सांस्कृतिक रंगों की झाँकी ही नहीं महिला शक्ति की झलक भी दिखी। अलग-अलग राज्यों की झांकियों के माध्यम से विभिन्नता में एकता की झलक दिखी तो स्त्री शक्ति भी खास भूमिकाओं में नजर आई। भारतीय सेना की ओर से चंडीगढ़ की आर्मी एयर डिफेंस से जुड़ीं कैप्टन प्रीति चौधरी इस साल गणतंत्र दिवस परेड में नेतृत्व करने वाली महिला सेना अधिकारी रहीं तो देश की पहली महिला फाइटर जेट पायलट भावना कांत भी परेड में नजर आईं। कैप्टन प्रीति चौधरी ने अपग्रेडेड शिल्का एंटी-एयरक्राफ़्ट हथियार सिस्टम की कमान संभाली।
परेड में शिल्का एंटी-एयरक्राफ़्ट हथियार सिस्टम को पहली बार शामिल किया गया है। वहीं फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कांत गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने वाली पहली महिला फाइटर पायलट हैं। वे भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट दल में शामिल की गई तीसरी महिला हैं। भावना कांत, अवनी चतुवेर्दी और मोहना सिंह के साथ 2016 में वायुसेना में शामिल हुईं थीं। भावना फाइटर जेट पर काम्बेट मिशन के लिए क्वालीफाई करने वाली देश की पहली महिला हैं। फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना इंडियन एयर फोर्स की झाँकी में स्वदेश निर्मित लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ़्ट तेजस, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर रुद्र, रोहिणी राडार और ब्रह्मोस प्रदर्शित करने वाली झाँकी का नेतृत्व करने वाला सशक्त चेहरा बनीं। गौरतलब है कि बीते साल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों भावना को नारी शक्ति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। दरअसल बीते कुछ वर्षों से गणतंत्र दिवस की परेड महिलाओं की कदमताल के लिए भी खास रही है।
देश की उपलब्धियों और संस्कृति से जुड़े गौरव और स्वाभिमान की जीवंत झांकियों के साथ ही भारत की स्त्री शक्ति के आत्मविश्वास और संघर्ष की झलक भी नजर आती रही है। 2019 में तो राजपथ पर तीनों सेनाओं में शामिल वीरांगनाओं का शक्ति प्रदर्शन देखने को मिला था। नौसेना, भारतीय सेना सेवा कोर और सिग्नल्स कोर की एक यूनिट के दस्तों की अगुवाई दो साल पहले इस खास दिन पर महिला अधिकारियों द्वारा ही की गई थी।
इतना ही नहीं डेयरडेविल्स टीम के पुरुष साथियों के साथ सिगनल्स कोर की एक सदस्या ने बाइक पर हैरतअंगेज करतब दिखाते हुए सलामी भी दी थी। साथ ही पहली बार एक महिला अधिकारी द्वारा भारत सेना सेवा कोर के दस्ते का नेतृत्व भी किया गया था। साल 2020 में 71वें गणतंत्र दिवस के मौके पर परेड में अपने परिवार की चौथी पीढ़ी की आर्मी आॅफिसर कैप्टन तान्या शेरगिल ने इतिहास रचा था। कैप्टन तान्या शेरगिल ने राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड के दौरान 147 जवानों वाली पुरुषों की टुकड़ी का नेतृत्व किया। उनसे पहले साल 2019 में गणतंत्र दिवस की परेड में कैप्टन भावना कस्तूरी ने पहली बार पुरुषों के कंटिजेंट को लीड किया था।
सुखद है कि ऐसी भागीदारी कहीं ना कहीं महिलाओं का मनोबल बढ़ाने और समानता का संदेश देने वाली है।दरअसल, गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिखी महिलाओं की भागीदारी की यह झलक कई मायनों में बदलाव की द्योतक है। भारतीय महिलाएं आज हर क्षेत्र में प्रभावपूर्ण उपस्थिति दर्ज करवा रही हैं। हर बाधा को पार करते हुए आगे बढ़ रही हैं। ऐसे में राजपथ की परेड में स्त्रियों का नेतृत्वकारी भूमिका में होना आज की कामकाजी, महत्वाकांक्षी और साहसी महिलाओं की उम्मीदों को नए पंख देने वाला है।
इस बात की बानगी है कि सेना की तीनों ही इकाइयों ने महिलाओं का खुले मन से स्वागत किया जा रहा है। अपनी योग्यता और क्षमता के बल पर वे नेतृत्वकारी भूमिका में आ रही हैं। इस साल गणतंत्र दिवस परेड में शामिल सेना की एकमात्र महिला कमांडर कैप्टन प्रीति चौधरी ने बताया कि ‘पहली बार राजपथ पर चलने के लिए शिल्का को अपग्रेड किया गया है। मुझे महिला होने के नाते यह मौका नहीं मिला है। यह मेरी रेजीमेंट के उपकरण हैं, इसलिए मुझे यह मौका मिला है।’ गौरतलब है कि राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में दूसरी बार मार्च कर रहीं कैप्टन प्रीति चौधरी को 2016 में देश भर में दूसरी सर्वश्रेष्ठ एयर विंग कैडेट भी चुना गया था।
हालिया बरसों में महिलाओं की भागीदारी को अहमियत देने वाले ऐसे अवसर वाकई परिवर्तन की आशा जगाने वाले हैं। गौरतलब है कि 66वें गणतंत्र के मौके आयोजित परेड की तो थीम भी ‘नारी शक्ति’ ही थी। इसीलिए महिला मार्चिंग दस्ते के नेतृत्व में ही परेड की शुरूआत हुई थी। यह भी एक ऐतिहासिक क्षण था, जब राजपथ पर पहली बार महिला दस्ते की अगुआई में परेड की शुरूआत हुई। गणतंत्र दिवस का यह पहला मौका था जब थल सेना, नौसेना और वायु सेना के महिला सैन्य दल भी परेड में शामिल हुए। अब हर वर्ष यह कदमताल एक कदम और आगे बढ़ रही है। महिलाओं के मजबूत इरादों और नेतृत्वकारी क्षमताओं को पुख्ता कर रही है। उनकी भागीदारी को सशक्त और निर्णयकारी भूमिका के रूप में रेखांकित करने का उदाहरण बन रही है।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर शौर्य और शक्ति के प्रदर्शन के साथ ही सभ्यता और सांस्कृतिक विविधता को भी समग्रता से प्रस्तुत किया जाता है। देश के हर हिस्से का रंग राजधानी दिल्ली के राजपथ पर बिखर जाता है। जो देशवासियों को आत्मगौरव और भरोसे की सौगात देता है। सुखद ही है हर बीतते साल के साथ भारत की उपलब्धियाँ और आत्मविश्वास तो बढ़ ही रहे हैं, महिला शक्ति के मायने भी पुख्ता हो रहे हैं। साथ ही स्त्री की सामर्थ्य के उदाहरण बनते ऐसे चेहरे हर उस महिला के लिए प्रेरणा स्रोत हैं जो सशस्त्र बलों में जाना चाहती हैं। अपने देश की सेवा का जज्बा रखती हैं।
-डॉ. मोनिका शर्मा

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