हर माँ की एक ही शिकायत होती है कि उनका बच्चा कुछ खाता ही नहीं है या फिर ऐसी ही चीजें खाना पसंद करता है, जो टेस्टी तो होती हैं लेकिन हेल्दी नहीं। इस लेख में कुछ ऐसे ही फूड्स के बारे में बताया गया है जो बच्चे की सेहत में चार-चांद लगा सकते हैं। आइए जानते हैं कि बच्चे के आहार में क्या शामिल करें, जो उसे हैल्दी बनाए रखे।
हाई एनर्जी फूड
बच्चों को हाई कैलोरी फूड न देकर हाई एनर्जी फूड देना चाहिए। हाई कैलोरी फूड शरीर में फैट की मात्रा को बढ़ा देता है, जिससे बच्चे को नुकसान पहुंचता है और उसकी आदतें भी खराब होती हैं।
गाय का दूध
जब तक आपका शिशु स्तनपान कर रहा है तो एक वर्ष तक शिशु के लिए इससे अच्छा और कोई भोजन नहीं है। उसके बाद दिन में 3 बार गाय का दूध दिया जा सकता है।
केला
बच्चे को केला खाने के लिए दें, क्योंकि केले में बहुत से तत्व जैसे फाइबर, पोटेशियम विटामिन ‘सी’ और विटामिन ‘बी’ 6 प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसके अलावा बच्चे को केले की प्यूरी मफिन, पैन-केक रूप में दिया जा सकता है।
आड़ू
आड़ू पौष्टिक गुणों से भरपूर है क्योंकि इसमें बहुत से फाइबर और तत्व होते हैं जैसे कि फाइबर, विटामिन ‘ए’, और विशेषकर विटामिन ‘सी’ होता है। यदि बच्चा आड़ू नहीं खाना चाहता तो उसको उसका रस भी निकाल कर दे सकते हैं या उसकी स्मूदी या फिर मिल्क शेक भी दे सकते हैं। जो बच्चों को बहुत टेस्टी लगता है और बच्चे इसका खुशी-खुशी सेवन करते हैं।
नाशपाती
बच्चों को, नाशपाती गुणों से भरपूर, ठोस पोषक भोजन के रूप में दिया जाता है और यह स्वाद में भी बहुत टेस्टी होती है, इसलिए बच्चे इसे बिना ना नुकुर के खा लेते हैं। इसमें फाइबर, आयरन, विटामिन बी 6 और विटामिन ‘सी’ अधिकतम मात्रा में होते हैं।
मटर
मटर भी बच्चों के लिए भोजन के रूप में एक उपयोगी और अच्छा स्रोत माना जाता है, क्योंकि इसमें बहुत से तत्व जैसे-फाइबर, विटामिन ‘सी’, मैग्नीशियम, फास्फोरस, विटामिन ‘ए’ और ‘बी’ साथ में नियासिन आदि पाए जाते हैं, जो कि बच्चों के शारीरिक विकास में बहुत सहायक हैं। मटर को किसी भी रूप में बच्चों को खिलाएं फिर चाहे वह खिचड़ी हो, मटर का सूप चाहे वह मटर की प्यूरी ही क्यों ना हो।
शकरकंद
शकरकंद कम फैट वाला और फाइबर, मैग्नीशियम, विटामिन बी6, विटामिन ‘ए’, विटामिन ‘सी’ आदि पोषक तत्वों से भरपूर होता है। छोटे बच्चों के लिए शकरकंद प्रथम आहार के रूप में सबसे बढ़िया आहार है। छह महीने के बाद इसे बड़ी आसानी से बच्चों को दिया जा सकता है।
घी
भारतीय खाने में देसी घी का विशेष महत्व है चाहे वह किसी भी आयु वर्ग का व्यक्ति हो। जच्चा और बच्चा के लिए तो खासतौर पर देसी घी को बहुत उपयोगी माना गया है। जब बच्चा 8 महीने का हो जाए तब उसके भोजन में थोड़ा सा घी दिया जा सकता है, लेकिन मात्रा कम ही रखनी चाहिए ताकि बच्चे को आराम से हजम हो सके।
नट्स
बच्चों के लिए नट्स यानि कि मेवा भी बहुत उपयोगी रहते हैं। शुरू-शुरू में बादाम, पिस्ता, काजू, अंजीर जैसे नट्स को पीसकर उसका पाउडर बनाकर बच्चों के दूध या खाने की चीजों में मिलाया जा सकता है। बाद में जब बच्चा थोड़ा बड़ा हो जाए तो इन नट्स के लड्डू या बर्फी बनाकर भी बच्चों को खिलाया जा सकता है, लेकिन अत्याधिक मात्रा बच्चों के लिए नुकसानदायक है, इसलिए हफ्ते में कम से कम सिर्फ दो बार देना सही है। कुछ बच्चों में इन नट्स से एलर्जी की समस्या भी होती है। अत: उन्हें डॉक्टर की सलाह पर ही दे।
दलिया
दलिया में फाइबर और कम चिकनाई होती है। जब बच्चों को दलिया देना हो तो इसके लिए, सोया दलिया, खीर, पैनकेक, बादाम आदि के साथ मिलाकर दिया जा सकता है।
हैल्दी रागी
रागी एक हेल्दी फूड है। इसमें फाइबर, प्रोटीन, विटामिन बी 1, बी 2 और बी 6 अच्छी मात्रा में होते हैं। इसका दलिया, केक, डोसा, इडली, लड्डू, खीरा, रोटी या कुकीज के रूप में बच्चों को दिया जा सकता है।
आलू
बच्चों के लिए सबसे पहला आहार आलू ही माना जाता है। शुरू में बच्चों को थोड़ी मात्रा में आलू दिया जा सकता है जिससे उन्हें पेट में गैस की शिकायत न हो। आलू में खनिज, विटामिन के अलावा कैरोटेनोयड्स और प्राकृतिक फिनोयल जैसे रसायन भी होते हैं। आलू में सबसे अधिक काबोर्हाइड्रेट होता है। आलू को खिचड़ी, सूप या प्यूरी के रूप में दिया जा सकता है।
-मोनिका अग्रवाल
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