पीजी छात्रों को सीपीआर बारे कृत्रिम अंगों पर हैंडस ऑन ट्रेनिंग की प्रदान
रोहतक (सच कहूँ न्यूज)। पीजीआईएमएस निदेशक डॉ. एसएस लोहचब ने कहा कि एक अच्छा चिकित्सक वही होता है, जो सदैव मरीजों की जान बचाने के लिए तत्पर रहता है। यदि हम एक चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े हुए हैं तो हमें आपताकाल में तुरंत प्रभाव से मरीज को अत्याघात आने पर तुरंत प्रभाव से उसको सीपीआर देकर बचाने की पूरी जानकारी होनी चाहिए और जब तक एंबुलेंस मरीज के पास नहीं आती है, हम उसको बचाने का अपना भरपूर प्रयास कर सकते हैं। यह बात उन्होंने रविवार को पीजीआईएमएस की स्किल लैब में डेंटल कॉलेज के पीजी छात्रों के लिए आयोजित की गई एक दिवसीय वर्कशाप में बतौर मुख्यअतिथि संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि अस्पताल का हर कर्मचारी इस तकनीक को सीखे ताकि किसी भी आपात स्थिती में मरीज की जान को बचाने में हम अपना सहयोग दे सकें।
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इस अवसर पर पीजीआईडीएस के प्राचार्य डॉ. संजय तिवारी ने कहा कि आज इन पीजी छात्रों की इस ट्रेनिंग की वजह से यदि कम से कम एक व्यक्ति की जान भी बच गई तो वह किसी परिवार के लिए बहुत बड़ी बात होगी। स्किल लैब के इंचार्ज डॉ. प्रशांत कुमार ने बताया कि सभी प्रतिभागियों को कृत्रिम अंगों पर हैंडस आॅन ट्रेनिंग प्रदान की गई। इस दौरान इन्हें सिखाया गया कि मरीज की ह्दय गति रूकने की स्थिति की पहचान कर कैसे आगे मैसेज भेजा जाए और मरीज की छाती की सम्पीडन दें और कृत्रिम सांस देते हुए अस्पताल से आने वाली स्पेशलाइजड टीम के आने तक उसकी जान कैसे बचाई जाए। साथ ही मरीज को कृत्रिम सांस देने की तकनीक, दिल की धड़कन बंद होने पर शॉक थैरेपी देने, एयर वे मैनजमेंट के बारे मे विस्तार से बताया गया।
इस अवसर पर डॉ. अमरिश, डॉ. कुंदन, डॉ. एस.के. सिंघल, डॉ. राकेश मित्तल, डॉ. सुजाता सेठी, डॉ. विरेंद्र सिंह, डॉ. अमरिश, डॉ. राजमाला, डॉ. शशि किरण व डॉ. प्रीति प्रमुख रूप से मौजूद रहे।