सरसा (सच कहूँ न्यूज)। आपने अक्सर घर के बड़े-बुजुर्ग घी खाने की (Ghee Khane Ke Fayde) सलाह देते हैं। उनका मानना है कि भोजन में घी को शामिल करने से न सिर्फ आप शारीरिक रूप से मजबूत बनेंगे, बल्कि स्वस्थ भी रहेंगे। आज हम आपको पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां (Ram Rahim) द्वारा दिए गए टिप्स के बारे में बता रहे हैं।
पंजाबी की यह कहावत बिल्कुल सही है। घी खाना गलत नहीं है लेकिन घी कर बैठना या खुरार्टे मारना गलत है। मेहनत जरूरी है। अब तो सार्इंस भी इस बात को मान चुकी है कि देशी घी ही पॉवर का सबसे बढ़िया स्रोत है। घी सेहत के लिए अच्छा है पर उसके बाद शारीरिक मेहनत करना जरूरी है ताकि मोटापा न आए। घी, दूध, मक्खन, दही जितना मर्जी खाओ। घी खाओगे तो उससे पेट कम होता है। इसमें ऐसे रसायन होते हैं जो पेट को कम करते हैं। घी, दूध आदि वस्तुएं पाचन क्रिया को बढ़ाती हैं। घी शरीर को सुदृढ़ बनाता है, पर अगर आपको घी खाने की आदत नहीं है, तो पहले थोड़ी मात्रा में खाएं। कभी भी घी में कोई चीज तलकर मत खाएं।
बैठकर खाना खाएं
भोजन बैठकर ही खाएं, क्योंकि चलते-चलते खाना खाने से पाचन क्रिया पर असर पड़ता है। बैठकर खाते समय हम सुखासन की स्थिति में होते हैं, जिससे कब्ज, मोटापा, एसिडिटी आदि पेट संबंधी बीमारियां नहीं होती हैं।
खाना खाने का ढंग
खाना खाते समय आपस में बातचीत नहीं करनी चाहिए, अन्यथा खाना श्वास-नली में अटक सकता है। खाना अगर सुमिरन करते हुए खाएं तो सोने पर सुहागा है। हमेशा खाना मुँह बंद करके ही खाना चाहिए।
निश्चित समय पर ही खाएं। सारा दिन खाते ही न रहें। सुबह के समय नाश्ता अच्छा, यानि थोड़ा हैवी लें। दोपहर को उससे थोड़ा कम और रात को हल्का खाएं। जैसे अक्सर कहा जाता है कि ‘नाश्ता राजा जैसा, दोपहर का भोजन रानी जैसा व रात का खाना भिखारी जैसा होना चाहिए।’ रात को 8 बजे सूरज छिपने के बाद खाना न खाएं। रात को बहुत भारी खाना खाकर सोना पाचन शक्ति व वजन के हिसाब से ठीक नहीं है।
घी कच्चा खाना चाहिए | Ghee Khane Ke Fayde
घी कच्चा खाना चाहिए। आप इसे हल्का सा गर्म कर सकते हैं और फिर सब्जी, दूध या चपाती पर डाल कर खा सकते हैं। गाय का घी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। गाय के दूध में बहुत ताकत होती है, वहीं यह दिमाग की स्मरण शक्ति बढ़ाता है। गाय के मूत्र के सेवन से कई बीमारियां नजदीक नहीं आती।
कैंसर रोगी के लिए घी फायदेमंद
कैंसर से बचने के लिए घी का सेवन किया जा सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित रिसर्च के अनुसार, घी में कार्सिनोजन यानी कैंसर के असर को कम करने के गुण पाए जाते है। साथ ही घी कैंसर को बढ़ाने वाले ट्यूमर की पनपने से रोक सकता है। इसके अलावा घी में मिलने वाला लिनोलिक एसिड कोलन कैंसर को भी रोकने का काम कर सकता है।
अच्छे पाचन के लिए
आयुर्वेद के अनुसार, घी पचाने में आसान होता है। यह खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाले अन्य तेलों के मुकाबले पेट के लिए हल्का होता है। खासकर, गाय का घी पाचन तंत्र को बेहतर करता है। संभवत, इसलिए गर्भवती महिलाओं को शुरूआती महीनों में होने वाली कब्ज, मतली और उल्टी की समस्या को कम करने के लिए भोजन में घी शामिल करने की सलाह दी जाती है।
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