नई दिल्ली(सच कहूं/रविंद्र सिंह)। ग्रामीण क्षेत्र हो या शहर, जहां भी पानी की कमी होती है, उससे सबसे अधिक महिलाएं ही प्रभावित होती हैं। ऐसे में जल संरक्षण बहुत जरूरी है। खेत का पानी खेत में होना चाहिए और जहां पानी पहुंच रहा है वहां रोजगार, परिवार समृद्ध हो रहे हैं, खुशियां बढ़ रही हैं। यह बातें केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री राजभूषण चौधरी ने राजधानी के न्यू महाराष्ट्र सदन में आयोजित 5 वें जल प्रहरी सम्मान समारोह के दौरान कहीं। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे श्री चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन ने काफी हद तक पानी की समस्या को सुलझाया है। जल जीवन मिशन से पानी घर-घर पहुंचा है और जल संचय , जन भागीदारी मुहिम का असर अब देश में दिख रहा है। लोग जल संरक्षित करने को लेकर जागरूक हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले लोग खराब खाने व पानी से बीमार होते थे, लेकिन अब ऐसे मामलों में कमी दिखाई देती है।
देशभर के 37 जल संरक्षकों को किया गया “जल प्रहरी” खिताब से सम्मानित
दिल्ली में आयोजित इस सम्मान समारोह में जल संरक्षण के लिए देशभर से 37 जल संरक्षकों( जल प्रहरियों) को सम्मानित किया गया । इसमें जल संरक्षण, प्रबंधन की दिशा में किए गए विशेष कार्यों के मद्देनजर इस वर्ष उत्तर प्रदेश राज्य की भी विशेष भागीदारी रही। इस वर्ष जल संचय, जन भागीदारी की परिकल्पना पर आधारित परियोजनाओं को जूरी द्वारा चयन में प्राथमिकता दी गई है।
कुआं, तालाब और नदियों को बचाने की जरूरत है:बालयोगी उमेशनाथ
संसदीय जल संसाधन मामलों के सदस्य सांसद बालयोगी उमेशनाथ ने कहा कि आज के दौर में कुआं, तालाब और नदियों को बचाने की विशेष जरूरत है। कई नदियां व कुएं लुप्त हो गए हैं। जो पौधे पानी को फिल्टर करते थे, वह अब गायब हो गए हैं। इनका संरक्षण करना महत्वपूर्ण है।
देश की ऊर्जा को बचाना चाहिए:सुनील देवधर
समारोह में वरिष्ठ भाजपा नेता सुनील देवधर ने कहा कि देश की ऊर्जा को बचाना चाहिए। यह सबका दात्यिव है। कार्यक्रम के संयोजक अनिल सिंह व सरकारी टेल के सीईओ अमेया साठे ने सभी जल प्रहरियों का स्वागत किया और आभार जताया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने प्रदर्शनी का आयोजन किया। जबकि बिग एफएम ने जल प्रहरियों के कार्यों पर विशेष चर्चा भी की।
आयकर आयुक्त एवम जल प्रहरी नितिन बघमोड़े ने चर्चा के दौरान जल प्रहरियों की मुश्किलों पर प्रकाश डाला व जल प्रहरियों ने अधिकारियों से जल प्रबंधन, संवर्धन कार्यो में सहयोग की अपील की। कार्यक्रम में दर्जन से ज़्यादा जिलाधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि वह जल संरक्षण, प्रबंधन कार्यो के प्रति समर्पित भाव से सहयोग जारी रखेंगे।
कार्यक्रम में नीति आयोग, नेशनल वाटर मिशन (जल शक्ति मंत्रालय) एडिशनल सेक्रेटरी अर्चना वर्मा सहित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल थे। इस वर्ष जल प्रहरी सम्मान के लिए गठित जूरी की अध्यक्ष जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल भी मौजूद रहीं।
इन्हें मिला जल प्रहरी का खिताब
दिल्ली से जल प्रहरी के लिए एमिटी स्कूल पुष्प विहार को सम्मानित किया गया। साथ ही, उत्तर प्रदेश से भदोही जनपद के डीएम गौरंग राठी, गाजियाबाद के डीएम इन्द्र विक्रम सिंह और सीडीओ अभिनव गोपाल को सम्मानित किया। साथ ही, गौतमबुद्ध नगर के डीएम आईएएस मनीष वर्मा, नीला जहां फाउंडेशन के अध्यक्ष नंद किशोर वर्मा, बांदा जनपद के सीडीओ अधिकारी वेद प्रकाश मौर्य, सेफ ट्रस्ट नोएडा के संस्थापक विक्रांत तोंगड़, हरियाणा से तरुण भारत संघ मेवात, सर्वकल्याण मंच के नवीन कौशिक के सामाजिक कार्यकर्ता राहुल सिसौदिया व केरल से महात्मा गांधी नरेगा राज्य मिशन मिशन निदेशक आईएएस निजामुद्दीन. ए. बहुजन हितकारी शिक्षा प्रसार समिति निवाड़ी के कार्यक्रम समन्वयक अजय नामदेव और नमामि गोदा फाउंडेशन के सचिव अभिनेता चिन्मय उदगीरकर सहित असम के कई जल दूतों को भी सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में लेह से आये जल प्रहरी स्टेनज़ीन चोस्फेल विशेष आकर्षक बने रहे। तजाकिस्तान के राजदूत लुकमान बोबोक्लोंन जोदा ने भी जल प्रहरियों को समान दिया।