बर्लिन। जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक वाल्टर स्टीनमेयर ने कहा कि देश में आगामी सप्ताहों में कोरोना वायरस से संबंधित गंभीर प्रतिबंध लगाये जा सकते है। शुक्रवार को देशवासियों एक टेलीविजन सम्बोधन में स्टीनमेयर ने कहा, “अगले कई हफ्तों में फिर से गंभीर प्रतिबंधों की आवश्यकता होगी जैसा कि आप मुझे जानते हैं।” उन्होंने कहा कि जर्मन समाज में सार्वजनिक विश्वास संकट के साथ शक्तिहीनता और निराशा की भावना फैल रही है। राष्ट्रपति ने टीकाकरण के महत्व का भी उल्लेख किया, दो दिन पहले उन्होंने ने भी एक टीके की पहली खुराक ली है।
फ्रांस में टीकाकरण के बाद दो लोगों की मौत- एएनएसएम
फ्रांस की नेशनल एजेंसी फॉर मेडिसिन एंड हेल्थ प्रोडक्ट सेफ्टी (एएनएसएम) ने कहा कि 19 मार्च से 25 मार्च के बीच एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन का टीका लगवाने वालों में से दो लोगों की मौत हो हुई है। एएनएसएम ने कहा कि इस अवधि में खून के थक्के जमने के तीन मामले सामने आए थे जिनमें से दो लोगों की मौत हो गई है। उन्होंने कहा कि फ्रांस में टीकाकरण अभियान की शुरुआत से एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के उपयोग के बाद 12 ऐसे मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से चार लोगों की मौत हो चुकी हैं।
कई यूरोपीय देशों ने खून के थक्के जमने की रिपोर्टे मिलने के बाद से मार्च के मध्य में ही एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के उपयोग पर रोक लगा दी थी। हालांकि टीकाकरण और खून के थक्के जमने के बीच कोई सीधा संबंध नहीं मिला है। जनता में टीके के प्रति विश्वास बहाल करने के लिए यूरोपीय संघ के देशों के कई नेताओं ने एस्ट्राजेनेका का टीका लगवाया है।
सभी देश कोविड महामारी के बीच शिक्षा को बचाए
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सभी देशों से कोरोना वायरस से जुड़े लॉकडाउन के बीच शिक्षा को बचाने का आह्वान किया है। गुटेरेस ने शुक्रवार की देर शाम ट्विटर पेज पर लिखा, “इस निर्णायक क्षण में, मैं सभी देशों से शिक्षा को बचाने और संकीर्ण एक्सेस डिवाइसेस की रिकवरी का उपयोग, डिजिटल कनेक्टिविटी तथा सीखने की क्षमता विस्तार करने का आह्वान करता हूं।” गुरेरेस के अनुसार वर्तमान में करीब एक अरब छात्र स्कूल बंद होने और कोरोना वायरस से संबंधी अन्य प्रतिबंधों के कारण प्रभावित है।
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