नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर (GDP Growth Rate) वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2022) में इससे पिछली तिमाही की तुलना में घटकर 4.1 प्रतिशत रही। यह अर्थव्यवस्था पर ओमिक्रोन वायरस के संक्रमण की लहर और वैश्विक परिस्थितियों के कारण पैदा चुनौतियों के प्रभाव को दशार्ता है।
गत अक्टूबर-दिसंबर 2021 की तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत थी। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने मंगलवार को जीडीपी के आंकड़े जारी करते हुए कहा कि वित्त वर्ष अप्रैल-मार्च 2021-22 में जीडीपी वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत रही। इससे पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की जीडीपी कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते 6.6 प्रतिशत गिर गयी थी।
वित्त वर्ष 2021-22 की आर्थिक वृद्धि दर सरकार के अनुमान से हल्की कम है। वित्त मंत्रालय ने फरवरी 2022 में वित्त वर्ष 2021-22 की वृद्धि दर 8.9 रहने का अनुमान लगाया था। मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, स्थिर मूल्य (2011-12 के मूल्य स्तर पर) 2021-22 की चौथी तिमाही का सकल घरेलू उत्पाद 40.78 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
इससे पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में स्थिर मूल्य पर जीडीपी 39.18 लाख करोड़ रुपये था, जो इस बार चौथी तिमाही की वास्तविक जीडीपी में वार्षिक आधार पर 4.1 प्रतिशत की वृद्धि दशार्ता है। वार्षिक आधार पर भारत का जीडीपी 2021-22 में अनुमानित 147.36 लाख करोड़ रुपये रहा।
वित्त वर्ष 2020-21 के प्रथम संसोधित अनुमान के अनुसार उस वर्ष में वास्तविक जीडीपी 135.58 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस तरह 2021-22 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद में सालाना आधार पर अनुमानित 8.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी। वर्ष 2020-21 में वास्तविक जीडीपी उससे पिछले साल की तुलना में 6.6 प्रतिशत गिर गया था।
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