जाखल (तरसेम सिंह)। डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं का ही कमाल है कि अब मानव अस्थियों को नदियों, नहरों में प्रवाहित करने की बजाए उन पर पेड़-पौधे लगाए जा रहे हैं। जो समाज को शुद्ध वातावरण देने में अहम भूमिका अदा कर रहे है। डेरा सच्चा सौदा की ‘अस्थियों से परोपकार’ मुहिम को आगे बढ़ाते हुए इसी कड़ी में व्याप्त कुप्रथाओं के शमन के लिए खंड जाखल के गांव चांदपुरा के चिमन सिंह इन्सां, अमरीक इन्सां ने एक अनूठी पहल की है। उन्होंने अपनी पिता के निधन पर अस्थियों को भूमिसात कर उस पर अमरूद का पौधा रोप दिया है।
डेरा सच्चा सौदा श्रद्धालु माता सीतो इन्सां का दाहसंस्कार जहां हिंदू रीति से कराया। इस दौरान डेरा सच्चा सौदा अनुयायियों ने कहा कि समाज में व्याप्त आडंबर के चलते प्राय: अंत्येष्टि के उपरांत अस्थियों को पवित्र जल में डाला जाता है, लेकिन परम पिता शाह सतनाम जी के समय से श्रद्धालु रहे माता सीतो इन्सां की अस्थियों को भूूमिसात कर राख अपने खेत में डाल पर्यावरण की शुद्धि के लिए अमरूद के वृक्ष को रोप अनुकरणीय कार्य किया है।
यह गांव में पांचवीं बार अस्थियों पर पौधा लगाया गया है। याद रहे कि सीतो इन्सां ने डेरा सच्चा सौदा के पूज्य संत डॉ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसान से प्रेरणा लेकर अंतिम इच्छा अनुसार शरीर दान का फॉर्म भरा हुआ था। लेकिन मलिक को कुछ और मंजूर था उनका शरीर दान नहीं हो सका। और वह अपने परिवार को सदा सदा के लिए सभी भी छोड़ देखकर सचखंड में जा विराजे उनकी अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए उनके पौत्र नैब सिंह, शिंदा सिंह, संदीप सिंह, गुरप्यार सिंह, गुरप्रीत फौजी, अमृत इन्सां, निक्का, गांधी, भांजा सतनाम सिंह, भाई तेलु राम ने उनकी अस्थियों पर पौधारोपण किया। इस अवसर पर गांव प्रेमी सेवक जस्सी इन्सां, 15 मेंबर मंजीत ग्रेवाल, अमृत इन्सां, गरजा, बिल्लू , लभी व उनकी पुत्री रानी, पौत्री बेअंत कौर, प्रीति, अमृती इत्यादि साथ थे।