उच्चाधिकारियों के निर्देशों के बावजूद नहीं बनाया गया स्थाई कूडा डंप
अबोहर। (सच कहूँ/सुधीर अरोड़ा) सरकारी अस्पताल में कूडा डंप का उचित प्रबंध न होने से खुले में फेंका जा रहा कूड़ा बीमारियों को निमंत्रण दे रहा है। कूड़ा डंप कर्मियों के रिहायशी क्वाटरों के बिलकुल सामने एक खाली जर्जर क्वाटर में बनाया हुआ है जहां यह कूड़ा जिसमें मेडिकल वैसटेज भी दिखाई देती है बाहर तक बिखरा हुआ है। आसपास के क्वाटरों में रहने वाले कर्मियों के परिजनों ने बताया कि इस कूड़े में कुत्ते व बेसहारा पशु मुंह मारते रहते है व यह कूड़ा बिखेर देते है। हैरानी जनक बात यह है कि जिस ठेकेदार को कूड़ा उठाने का ठेका दिया गया है वह यह कूड़ा रोजाना उठाने की बजाय तब तक नहीं उठाता जब तक कूड़े की तीन ट्राली एकत्रित नहीं हो जाती।
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इस कूड़ा डंप को देखकर लगता है कि यहां के स्वास्थ्य अधिकारी लोगों को तो अपने आसपास सफाई रखने का पाठ पढ़ाते है लेकिन उन्होंने खुद यह पाठ नहीं पढ़ा जिस कारण यह कूड़ा डंप न केवल बीमारियों को न्यौता दे रहा है बल्कि अस्पताल की कार्यप्रणाली की भी पोल खोल रहा है। केंद्र सरकार की सितंबर महीने में आई निरीक्षण टीम ने 6 महीने पहले इसका उचित प्रबंध करने की हिदायत दी थी लेकिन 6 महीने का समय बीत जाने के बाद भी कूड़ा डंप नहीं बनाया जा सका। केंद्र की निरीक्षण टीम द्वारा कूडा डंप का उचित प्रबंध न होने के कारण अस्पताल को जीरो नंबर दिए जिस कारण यह हाल केंद्र की टीम की जांच में खरा नहीं उतर पाया। गौरतलब है कि सफाई ठेकेदार ने इस कूडा डंप को सुचारु रखने के लिए किसी प्रकार का कोई प्रयास नहीं किया गया। ऐसी लापरवाहियों के चलते पहले भी सफाई ठेकेदार चर्चा में रह चुका है।
कायाकल्प प्रोजेक्ट के अतिरिक्त इंचार्ज डॉ. साहब राम ने बताया कि कूड़े डंप का निर्माण विभाग के निर्माण विभाग के एसडीओ द्वारा किया जाना है जिनको पहले भी लिखा जा चुका है व अब भी यह मामला उनके ध्यान में आने के बाद रिमांइडर निकाला जाएगा बाकी अस्पताल में निर्माण का कार्य चल रहा है व उसकी साथ ही कूडा डंप का निर्माण भी करवा लिया जाएगा।
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