रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले गिरोह का सरगना गिरफ्तार

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Kairana News : नाबालिग से दुराचार का आरोपी गिरफ्तार, जेल रवाना

उत्तराखंड से 12 हजार में खरीदकर 15 से 30 हजार में बेचे 750 इंजेक्शन

  • पुलिस ने आरोपी को चार दिन के रिमांड पर भेजा

पानीपत (सच कहूँ/सन्नी कथूूरिया)। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले गिरोह के मुख्य सरगना को सीआईए-वन पुलिस ने काबू कर लिया। सीआईए-वन प्रभारी इंस्पेक्टर राजपाल सिंह ने बताया कि सीआईए-वन पुलिस टीम ने 27 अप्रैल को गुप्त सूचना के आधार पर सैक्टर-18 में गर्वमेंट कॉलेज के पास से आई-20 कार सवार तीन युवक केशव उर्फ कन्नू निवासी कलंदर चौक, सुनील निवासी जलालपुर व सुमित गुरूनानकपुरा कच्चा कैम्प पानीपत को अवैध रूप से रेमडेसिविर एन्टी वायरल इन्जेक्शन की कालाबजारी करते हुए 19 इंजेक्शन सहित गिरफ्तार किया था।

जिला ड्रग कन्ट्रोल ऑफिसर विजय राजे की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ ड्रग व कास्मेटिक एक्ट व आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत थाना सैक्टर 13/17 में मुकदमा दर्ज कर गहनता से पूछताछ की गई, जिसमें तीनों आरोपियों को न्यायलय में पेश कर 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया था। रिमांड के दौरान आरोपियों ने बताया कि उक्त रेमडेसिविर इंजेक्शन सनोली रोड़ स्थित हैदराबादी हस्पताल में दवा स्टोर संचालक प्रदीप निवासी सैक्टर 13/17 पानीपत से खरीदे थे। इंस्पेक्टर राजपाल सिंह ने बताया कि सीआईए-वन पुलिस ने शनिवार को आरोपित प्रदीप को काबू कर प्रारंभिक पूछताछ की तो आरोपित ने वारदात को अंजाम देने की बात कबूल ली।

पुलिस पूछताछ में आरोपी प्रदीप ने बताया कि वह उत्तराखंड के युवक से 12 हजार रुपये प्रति इंजेक्शन के हिसाब से खरीद कर लाता था और 15 से 30 हजार रुपए के बीच में इंजेक्शनों को बेचता था। अभी तक वह रेमडेसिविर के 750 इंजेक्शन लाकर विभिन्न स्थानों पर बेच चुका है। इनमें से उसने 100 इंजेक्शन अपने भांजे सुमित को, 150 इंजेक्शन सक्षम को व 40 इंजेक्शन केशव को बेचने लिए दिए थे।

इंस्पेक्टर राजपाल सिंह ने बताया कि आरोपी सुमित व केशव को चार दिन का पुलिस रिमांड पूरा होने पर न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत जेल भेजा गया। वहीं आरोपी प्रदीप से गहनता से पूछताछ करने के लिए 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया। इंस्पेक्टर राजपाल सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में इंजेक्शन के रैपर को गहनता से देखने पर कंपनी के इंजेक्शन व बरामद इंजेक्शन में काफी अंतर देखने को मिल रहा है। उन्होंने आमजन से अनुरोध किया कि इस प्रकार के गिरोह से सावधान रहे और जानकारी मिलते ही पुलिस को सूचित करें।

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