खाद, स्वच्छ ऊर्जा की तकनीक एवं वित्तपोषण पर ध्यान दे जी-20 : पीएम
बाली (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व में खाद्य एवं ऊर्जा संकट से निपटने में संयुक्त राष्ट्र की निष्फलता को रेखांकित करते हुए जी-20 देशों का आज आह्वान किया कि वे उर्वरक की आपूर्ति बढ़ाने तथा स्वच्छ ऊर्जा की तकनीक एवं किफायती वित्तपोषण सुलभ कराने के लिए प्रभावी कदम उठाएं। मोदी ने इंडोनेशिया के बाली द्वीप पर विश्व में आर्थिक रूप से शक्तिशाली 20 देशों के शिखर सम्मेलन के प्रथम सत्र में खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा विषय पर अपने संबोधन में ये आह्वान किया।
Halo Indonesia. Telah tiba di Bali untuk ambil bagian dalam helatan KTT G20. Saya berharap dapat berdiskusi dengan para pemimpin dunia mengenai berbagai isu global. @g20org pic.twitter.com/bmRHZj8dxt
— Narendra Modi (@narendramodi) November 14, 2022
मोदी इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के निमंत्रण पर तीन दिन की यात्रा पर कल रात यहां पहुंचे। आज सुबह जी-20 शिखर सम्मेलन में पहुंचने पर विडोडो ने मोदी का आत्मीय स्वागत किया। वहीं आज प्रधानमंत्री मोदी और जो बाइडेन की मुलाकात हुई। दोनों बहुत खुश नजर आ रहे थे। अमेरिकी राष्टÑपति पीएम के कंधे पर हाथ रखा था और पीएम उनका हाथ थामे रहे। इसके बाद पीएम मोदी ने मैक्रों को बुलाकर उनसे हाथ मिलाया
At the @g20org Summit this morning, spoke at the session on Food and Energy Security. Highlighted India’s efforts to further food security for our citizens. Also spoke about the need to ensure adequate supply chains as far as food and fertilisers are concerned. pic.twitter.com/KmXkeVltQo
— Narendra Modi (@narendramodi) November 15, 2022
पीएम ने जी-20 समिट को सम्बोधित किया
सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने सबसे पहले आज कठिन वैश्विक वातावरण में जी20 को प्रभावी नेतृत्व देने के लिए राष्ट्रपति विडोडो की सराहना की। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, कोविड महामारी, यूक्रेन का घटनाक्रम और उससे जुड़ी वैश्विक समस्याओं ने मिल कर विश्व मे तबाही मचा दी है। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएं तहस-नहस हो गई हैं। पूरी दुनिया मे जीवन-जरूरी चीजें, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति का संकट बना हुआ है। हर देश के गरीब नागरिकों के लिए चुनौती और गंभीर है। वे पहले से ही रोजमर्रा के जीवन से जूझ रहे थे। उनके पास दोहरी मार से जूझने की आर्थिक क्षमता नहीं है। हमें इस बात को स्वीकार करने से भी संकोच नहीं करना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र जैसी बहुपक्षीय संस्थाएं इन मुद्दों पर निष्फल रही हैं। और हम सभी इनमे उपयुक्त सुधार करने में भी असफल रहे हैं। इसलिए आज जी-20 से विश्व को अधिक अपेक्षाएं हैं, हमारे समूह की प्रासंगिकता और बढ़ी है।
Grateful to the Indian community for the warm welcome in Bali! pic.twitter.com/okudj5BODG
— Narendra Modi (@narendramodi) November 14, 2022
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमें यूक्रेन में संघर्ष-विराम और कूटनीति की राह पर लौटने का रास्ता खोजना होगा। पिछली शताब्दी मे, दूसरे विश्व युद्ध ने विश्व मे कहर ढाया था। उसके बाद उस समय के नेताओं ने शांति की राह पकड़ने का गंभीर प्रयत्न किया। अब हमारी बारी है। पोस्ट-कोविड काल के लिए एक नई वैश्विक व्यवस्था की रचना करने का जिम्मा हमारे कंधों पर है। समय की मांग है कि हम विश्व मे शांति, सद्भाव और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस और सामूहिक संकल्प दिखाएं। मुझे विश्वास है कि अगले वर्ष जब जी-20 बुद्ध और गाँधी की पवित्र भूमि मे मिलेगा, तो हम सभी सहमत हो कर, विश्व को एक मजबूत शांति-संदेश देंगे।
जरूरतमंद देशों की भारत ने मदद की
मोदी ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान भारत ने अपने 1.3 अरब नागरिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की। साथ ही अनेकों जरूरत मंद देशों को भी खाद्यान्न की आपूर्ति की। खाद्य सुरक्षा के संदर्भ मे खाद की वर्तमान किल्लत भी एक बहुत बड़ा संकट है। आज की उवर्रक की कमी कल का खाद्य संकट है, जिसका समाधान विश्व के पास नहीं होगा। हमें खाद और खाद्यान्न दोनों की आपूर्ति श्रृंखलाओं को स्थिर एवं भरोसेमंद रखने के लिए आपसी सहमति बनानी चाहिए। भारत में सतत खाद्य सुरक्षा के लिए हम प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं, और मोटे अनाज यानी मिलेट्स जैसे पौष्टिक और पारंपरिक खाद्यान्न को फिर से लोकप्रिय बना रहे हैं। मिलेट्स से वैश्विक कुपोषण और भुखमरी की समस्या का भी समाधान हो सकता है। हम सभी को अगले वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष जोर-शोर से मनाना चाहिए।
देश की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है
प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व की सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था भारत की ऊर्जा सुरक्षा वैश्विक वृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण है। हमें ऊर्जा की आपूर्ति पर किसी भी तरह के प्रतिबंधों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए तथा ऊर्जा बाजार में स्थिरता सुनिश्चित करनी चाहिए। भारत स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्ध है। 2030 तक हमारी आधी बिजली नवीकरणीय स्रोतों से पैदा होगी। समावेशी ऊर्जा स्रोत संक्रमण के लिए विकासशील देशों को समय-बद्ध और किफायती वित्तपोषण और तकनीक की स्थायी आपूर्ति अनिवार्य है। मोदी ने कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान, हम इन सभी मुद्दों पर वैश्विक सहमति के लिए काम करेंगे। जी-20 का अगला सत्र स्वास्थ्य को लेकर अपराह्न होगा। जबकि तीसरा सत्र डिजीटल परावर्तन पर कल आयोजित किया जाएगा।
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