कोहिमा (एजेंसी)। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि सशस्त्र बल अधिनियम (एफएसपीए), 1958 को नागालैंड में आंशिक रूप से हटा लिया गया है और अगले तीन-चार वर्षों में इसे राज्य से पूरी तरह से हटाया जा सकता है। नागालैंड के मुख्यमंत्री नीफ्यू रियो, उपमुख्यमंत्री वाई. पैटन, केंद्रीय भाजपा नेताओं और अन्य नेताओं के साथ मंगलवार को तुएनसांग शहर के परेड ग्राउंड में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए श्री शाह ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले सात-आठ वर्षों में उत्तर-पूर्व क्षेत्र के लिए विकास कार्य हुए और इस क्षेत्र में हिंसा में भी 70 फीसदी की गिरावट हुयी है, जबकि नागरिक मौतों में 83 फीसदी की कमी आई है।
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उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान, मोदी ने 50 से अधिक बार पूर्वोत्तर क्षेत्र का दौरा किया, जो देश के किसी भी प्रधानमंत्री पहले ऐसा नहीं किया था। उन्होंने मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला और एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन के लिए समर्थन तथा शांति एवं विकास के लिए मोदी और रियो के हाथों को मजबूत करने की मांग की। शाह ने जोर देकर कहा कि नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी)-भाजपा गठबंधन सत्ता बरकरार रखेगा।
ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स ऑर्गेनाइजेशन (ईएनपीओ) द्वारा फ्रंटियर नागालैंड राज्य की मांग पर, शाह ने यह भी संकल्प लिया कि पूर्वी नागालैंड में विकास की एक और नयी परियोजना शुरू की जाएगी और 27 फरवरी को आगामी विधानसभा चुनावों से दूर रहने के अपने प्रस्ताव को वापस लेने के लिए अपनी खुशी भी व्यक्त की, और कहा कि राज्य में विधानसभा चुनाव के बाद एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
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