फंड की कमी है, इसीलिए फारिग करने का लिया फैसला: एसएमओ
सच कहूँ/सुरेन्द्र मित्तल, तपा/बरनाला। सब-डिविजनल अस्पताल तपा के सीनियर मैडीकल अधिकारी नवजोतपाल सिंह भुल्लर के हस्ताक्षर सहित एक कंपनी ने अस्पताल में रखे गए कर्मचारियों को नौकरी (Employees Jobs) से निकालने का फरमान जारी किया है। इनमें लगभग 45 लैब टैक्निशियन, वार्ड ब्वॉय, नर्सें, सफाई सेवक शामिल हैं। कंपनी के नोटिस के अनुसार उनका कार्यकाल पांच मई तक का है। नोटिस जारी होने उपरांत अब कर्मचारियों को अपने परिवार का पालन पोषण करने की चिंता सताने लगी है।
उक्त पत्र को इनोविजन लिमिटिड कंपनी ने लिखा है, जो जिला चीफ मैडीकल अफसर को भी भेजा गया था। सीनियर मैडीकल अधिकारी ने लिखा है कि अस्पताल में फंडों की कमी कारण उक्त कर्मियों को वेतन देने में भारी दिक्कत आ रही है। इसीलिए उन्हें नौकरी पर बरकरार रखना संभव नहीं है। इन परिस्थितियों में अस्पताल में प्राप्त सुविधाओं का लाभ लेने के लिए लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। लोगों को सरकारी रेट पर लैबारेट्री में टेस्ट करवाने की बजाय प्राइवेट लैबोरेट्री से महंगे रेटों पर टेस्ट करवाने पड़ेगा।
उक्त कर्मचारी वर्ग ने अपना नाम न प्रकाशित होने की शर्त पर कहा कि यदि उन्हें नौकरी से निकाला जाता है तो वे सिविल सर्जन, स्वास्थ्य मंत्री, हलके विधायक और सरकार तक पहुंच करेंगे। पंजब की नयी चुनी गई सरकार ने पंजाबियों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं देने के साथ साथ नयी नौकरियां देने का वायदा किया था। यदि समूह इन्साफ न मिला तो हम सरकार के खिलाफ बड़ा संघर्ष करने के लिए मजबूर होंगे।
एसएमओ डॉ. नवजोतपाल सिंह भुल्लर ने कहा कि कोई भी बीमारी का प्रकोप न होने के कारण मैडिसन, ऑर्थो आदि के स्पैशल डॉक्टर न होने के कारण मरीजों की आमद काफी कम हो गई है। आयुष्मान स्कीम के अंतर्गत आने वाले फंडों के साथ-साथ और फंडों की और ज्यादा कमी कारण उनको उक्त फैसला लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने भदौड़ अस्पताल से भी फंड प्राप्त किये हैं परन्तु इस तरह लगातार नहीं चलाया जा सकता।
उन्होंने कर्मचारियों (Employees Jobs) की तरफ से संघर्ष शुरू करने के सवाल के जवाब में कहा कि यह उनका अधिकार है परन्तु जहां तक उक्त कंपनी की तरफ से रखे कर्मियों की बात है तो इनके नियुक्ति पत्र में ही जब मर्जी नौकरी से हटाने की शर्त भी लिखी हुई है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक महीने का नोटिस है यदि सरकार जरूरत अनुसार फंड उपलब्ध करवाती है तो नौकरी से बर्खास्त करने वाला नोटिस रद्द भी हो सकता है।
उक्त मामले संबंधी हलका भदौड़ के विधायक लाभ सिंह उगोके मोबाईल नंबर पर कई बार फोन किया पर उन्होंने फोन ही नहीं उठाना जायज नहीं समझा।
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