कमरों में ज्ञान से लेकर विज्ञान तक की बनी हैं आकर्षक पेंटिंग
- स्कूल की 1000 छात्राओं के लिए बेमानी है यह आलीशान बिल्डिंग
गुरुग्राम। (संजय कुमार मेहरा) सरकारी स्कूल की आलीशान बिल्डिंग बनकर तैयार है। (Gurugram News) बिल्डिंग में प्रवेश करते ही ज्ञान की देवी मां सरस्वती की विशाल तस्वीर लगी है। कक्षाओं में छत और दीवारों पर रंगों से ज्ञान से लेकर विज्ञान तक की आकर्षक पेंटिंग भी बनाई गई है। दुख इस बात का है यह सब स्कूल की 1000 छात्राओं के लिए बेमानी है। उनके किसी काम नहीं आ रहा है। क्योंकि एक साल पहले बनकर तैयार इस दो मंजिला बिल्डिंग को उद्घाटन का इंतजार है।
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हम बात कर रहे हैं शहर के बीचों-बीच अर्जुन नगर रामलीला ग्राउंड के साथ राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (कोड नंबर-862) की। इस स्कूल की नई बिल्डिंग का 30 जनवरी 2021 को गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला ने पार्षद मधु यशपाल बतरा, जिला शिक्षा अधिकारी कैप्टन इंदू बोकन कसाना की मौजूदगी में भूमि पूजन किया था। खास बात यह है कि यह बिल्डिंग निजी सहयोग से बनी है। यानी इसके निर्माण में शिव शक्ति रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, ओम स्वीट्स, सबका सहयोग परिवार, बीआर कैटर्स, युवा अनस्टॉपेबल, आलया इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट प्रा. लि., सूर्या फैशन, जमना ऑटो इंडस्ट्रीज लि., अम्बे मार्बल एंड ग्रेनाइट, नीलकंठ महादेव सेवा समिति का विशेष सहयोग रहा।
यह बिल्डिंग करीब छह माह पहले बनकर तैयार हो चुकी है। (Gurugram News) बिल्डिंग को देखकर हर कोई इसलिए दंग रह जाता है कि यह बड़े-बड़े प्राइवेट स्कूलों को मात दे रही है। दो मंजिला इस बिल्डिंग में 14 क्लास रूम, दो साइंस लैब, एक प्रिंसिपल कार्यालय, एक क्लर्क रूम, एक स्पोट्र्स रूम, एक स्टाफ रूम, एक लाइब्रेरी है। बिल्डिंग के दोनों तरफ खुली सीढिय़ां बनाई गई हैं और दोनों तरफ रैंप भी बनाया गया है।
क्लास रूम देखकर खुली रह जाती हैं आंखें
इस बिल्डिंग के क्लास रूम देखकर तो आंखें खुली रह जाती हैं। छोटे बच्चों के लिए कमरों में ज्ञान देने के लिए रंग-बिरंगी पेंटिंग बनाई गई हैं। इनमें सब्जियों, फलों और एल्फाबेट सिखाने के लिए बकायदा दीवारों और छतों पर तस्वीरें बनाई गई हैं। इसी तरह अन्य कमरे में समुंद्र के रूप में छत और दीवारों पर पेंटिंग भी बहुत कुछ सिखाती है। एक कमरे में जंगली-जानवरों की जानकारी पेंटिंग बनाकर दी गई है। एक कमरा विज्ञान को समर्पित है। इसकी छत और दीवारों पर पेंटिंग से ग्रहों-उपग्रहों को बनाकर ब्रह्मांड का रूप दिया गया है। एक कमरे में गीत-संगीत की शिक्षा, सीख देने वाली पेंटिंग बनाई गई हैं। सभी कमरों में पंखे, सभी फ्लोर पर वाटर कूलर, बेहतरीन शौचालय यहां बने हैं।
ऐसे माहौल में कैसे आएंगे बेहतर परिणाम
जिस माहौल में यहां छात्राएं पढ़ रही हैं, उस माहौल में बेहतर परीक्षा परिणाम की उम्मीद करना सही नहीं है। ऐसा नहीं है कि यहां टीचर मेहनत नहीं कर रहे। वे नियमित तौर पर आते हैं, कक्षाएं लेते हैं। लेकिन जिस तरह से यहां इंफ्रास्ट्रक्चर है, उससे शिक्षा की गुणवत्ता चाहकर भी अच्छी नहीं हो सकती। (Gurugram News) स्कूल में गेट के भीतर प्रवेश करते हैं तो एक तरफ प्राचार्य कक्ष है और सामने एक अधूरी पड़ी बिल्डिंग के बरामदों में छोटे बच्चे अपना स्वर्णिम भविष्य का सपना लेकर पढ़ाई करते नजर आते हैं। दूसरी तरफ भी एक छोटी बिल्डिंग है, जिसके कमरे व बरामदे में बड़ी कक्षाएं लगती हैं। एक अन्य पुरानी बिल्डिंग के बरामदों में भी कक्षाएं लगती हैं। कुछ कक्षाएं पेड़ों के नीचे लगती हैं। जिस तरह से कक्षाएं एक-दूसरे से सटकर लगती हैं, उससे सभी कक्षाओं के पढऩे में बाधा आना लाजिमी है।
दो शिफ्ट में 1300 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं
दो शिफ्ट में यह अर्जुन नगर स्कूल चलता है। सुबह के समय पहली से 12वीं कक्षा तक करीब 1000 छात्राएं पढ़ती हैं। शाम की पारी में एक अन्य स्कूल के करीब 300 छात्रों की यहां कक्षाएं लगती हैं। क्योंकि उनका स्कूल डैमेज है। इसलिए उस स्कूल को यहां अर्जुन नगर में शिफ्ट किया हुआ है। हमने सुबह के समय स्कूल का दौरा किया। इस दौरान देखा कि छोटे-छोटे बच्चे एक अधूरी पड़ी इमारत के बरामद में पढ़ रहे हैं। टीचर भी उन्हें पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। जिस तरह के हालात अर्जुन नगर स्कूल में नजर आए, ऐसे हालत तो किसी सुदूर इलाके में भी नहीं होंगे।
लगता है मुझे खुद ही उद्घाटन करना पड़ेगा: यशपाल बतरा
पूर्व पार्षद एवं निवर्तमान पार्षद मधु बतरा के पति यशपाल बतरा का कहना है कि स्कूल तैयार है। मैनें कई बार रिक्वेस्ट कर ली है। सब जगह बात पहुंचा दी है। (Gurugram News) फिर भी पता नहीं क्या रीजन है। लगता है मुझे खुद ही उद्घाटन करना पड़ेगा। मैं इस पर काम करता हूं।
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