Climate Change: बीते दिनों भारी बारिश की आशंका को देखते हुए पंजाब सरकार ने स्कूलों में छुट्टियों का ऐलान कर दिया है। राज्य में तीसरी बार बाढ़ की चर्चा हो रही है। यह परिस्थिति साधारण नहीं बल्कि जलवायु में आए किसी बड़े परिवर्तन का ही परिणाम है। कई क्षेत्रों में बारिश सामान्य से अधिक दर्ज की गई है। जुलाई माह में 1113 स्टेशनों पर भारी बारिश और 205 स्टेशनों पर बहुत अधिक बारिश दर्ज की गई। पिछले दशकों में देश में सूखे की स्थिति बनी रही, अब अधिक बारिश हो रही है। ये दोनों ही स्थितियां प्राणी जीवन के लिए खतरनाक है। हिमाचल प्रदेश में इस बार जो नुक्सान हुआ है, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। Climate Change
जलवायु परिवर्तन में किस हद तक परिवर्तन हो रहा है, इसका अनुमान हिमाचल में इस बार 350 लोगों की मौत होने से लगाया जा सकता है। यह अपने आप में स्थिति की भयावहता को दर्शाता है। बाढ़ की रोकथाम के लिए बांध बनाना सामान्य रूप से प्रथम स्तरीय प्रबंध होते हैं, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में स्थितियां कठिन हैं जहां बादलों के फटने के कारण उत्पन्न होने वाली स्थितियों से निपटना कठिन होता है। यदि प्रकृति का स्वरूप यूं ही जारी रहा तो भविष्य में ऐसी परिस्थितियों से निपटना असंभव हो जाएगा। Weather Update
ये कठिन हालात केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हो रहे हैं, इसलिए जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए ठोस कदम उठाना और जीवनशैली में बदलाव लाना अति आवश्यक हो गया है। दरअसल, बड़ी समस्या यह है कि वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन को रोकने पर चर्चा होती है, लेकिन आर्थिक विकास, उद्योग आदि जैसे मुद्दों पर प्रतिस्पर्धा इतनी ज्यादा है कि विकसित देश ‘व्यापार युद्ध’ में व्यस्त हैं। यह व्यापार युद्ध जलवायु परिवर्तन के लिए भी घातक है। विकसित देश अपनी जिम्मेदारी केवल शिखर सम्मेलन की टेबल तक ही निभाते हैं लेकिन व्यावहारिक रूप से कोई प्रयास नहीं किया गया। Flood
यह अच्छा है कि भारत ने ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए बड़े पैमाने पर कदम उठाए हैं। प्राकृतिक आपदाओं के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाना जरूरी है ताकि विकसित देशों को उनकी भूमिका के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सके। विकास और विनाश में अंतर पर मंथन तो करना ही होगा। कटाई के कारण पहाड़ खत्म हो रहे हैं, सड़कों का निर्माण, वृक्षों की कटाई, अंधाधुंध खनन इत्यादि प्रवृत्तियां जलवायु परिवर्तन का कारण हैं। Climate Change
यह भी पढ़ें:– Chandrayaan 3: क्या चंद्रयान-3 को चांद पर मिला खजाना? जानें 14 दिन बाद प्रज्ञान रोवर का क्या होगा…