अंतर्राष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस पांच लाख रूपए तक का मिले मुफ्त स्वास्थ्य बीमा कवर (International Veterans Day)
सच कहूँ/चरन सिंह पंचकूला। अंतर्राष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस पर श्री मथुरादास लाजवंती सुभाष हितैषी के चेयरमैन भारत हितैषी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग की है कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम-2004 में अपनी राशि जमा करवाने की सीमा 15 लाख से बढ़ाकर कम से कम 30 लाख की जाए और इस सेविंग स्कीम की न्यूनतम ब्याज दर 10 प्रतिशत करने के साथ ब्याज की आय को टीडीएस से मुक्त करते हुए इसका हर माह भुगतान किया जाए।
हर महीने के औसतन 30 से 50 हजार रूपए के खर्चे के लिए निश्चित हो जाएंगे
भारत हितैषी का मानना है कि इस सेविंग स्कीम में पैसे जमा करवाने की राशि की अधिकतम सीमा 15 लाख से बढाकर 30 लाख करने एवं ब्याज दर को 10 प्रतिशत करने से हर घर के दोनों बुजुर्ग (पति-पत्नी) अपनी जमा पूंजी से 30-30 लाख यानि 60 लाख रुपए इस सेविंग स्कीम में जमा करवाने के बाद अपने घर के हर महीने के औसतन 30 से 50 हजार रूपए के खर्चे के लिए निश्चित हो जाएंगे।
हितैषी ने बताया कि यह सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम भारत सरकार द्वारा पोस्ट आफिस, बैंकों व जीवन बीमा निगम के माध्यम से चलाई जा रही है, क्योंकि इस स्कीम को बढ़ावा देने के लिए नियुक्त एजेंट को नया ग्राहक लाने की एवज में कोई कमीशन नहीं दिया जाता। इसलिए यह स्कीम अधिक प्रचलित नहीं हो पाई। सरकार को चाहिए कि इस स्कीम की जमा राशि सीमा बढ़ाकर अधिक से अधिक वरिष्ठ नागरिकों को इस स्कीम से जोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
बुजुर्ग बोझ नहीं हैं बल्कि आदर, सम्मान उनका अधिकार
भारत हितैषी ने बताया कि आज हालात यह हैं कि 70 प्रतिशत से अधिक युवक युवतियां अपने मां बाप को अपने ऊपर बहुत बड़ा बोझ समझते हैं, हितैषी ने कहा कि वैज्ञानिक नजरिए से देखें तो बुढ़ापा इंसानी शरीर की एक अनिवार्य अवस्था है और ऐसे में युवाओं को एक बात बड़ी गहराई से सोच लेनी होगी कि उन्हें भी समय के इस चक्र से गुजरना होगा। ऐसे में युवा पीढ़ी के सामने सामाजिक व्यवस्था को बरकरार रखने की बड़ी चुनौती है। युवाओं को बुजुर्गों की सेवा के संस्कार को बनाए रखना होगा। साथ ही आने वाली पीढ़ी को बताना होगा कि बुजुर्ग बोझ नहीं हैं बल्कि आदर, सम्मान और सेवा उनका अधिकार है। वहीं सरकार से मांग कि है कि बुजुर्गों पर हो रहे घरेलू व सामाजिक हिंसा बंद होनी चाहिये।
देश का हर चौथा बुजुर्ग अकेला रहने को मजबूर
भारत हितैषी ने बताया कि एक रिपोर्ट के मुताबिक 23.44 प्रतिशत यानि देश का हर चौथा बुजुर्ग देश में अकेला रहने को मजबूर है। ऐसा भी नहीं है कि यह बुराई शहरों तक ही सीमित है, रिपोर्ट कहती है कि 21.38 प्रतिशत बुजुर्ग गांवों में जबकि 25.3 प्रतिशत शहरों में अकेले रहते हैं। हितैषी का कहना है कि वरिष्ठ नागरिक अपने जीवन यापन के लिए सरकार से कोई बुढ़ापा पैंशन, फ्री या सस्ता राशन नहीं मांगतें। इन्होंने 40-50 वर्षों में कठोर परिश्रम से दिन रात एक कर के धन कमाया है और सरकार को अच्छा टैक्स भी दिया है। ये वरिष्ठ नागरिक स्वाभिमान के साथ अपने सम्मानपूर्वक जीने के लिए अपने ही धन से अपने जीवन यापन की सुविधा मांगते हैं। जिस पर सरकार को अति शीघ्र ही ध्यान देना चाहिए।
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