पेरिस। राफेल लड़ाकू विमान सौदे में कथित धांधली की जांच के दायरे में फ्रांस के बड़े नेता आ सकते हैं। कहा जा रहा है कि जांच कर रहे जज फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद सहित कई नेताओं से पूछताछ करने वाले हैं। न सिर्फ वे वर्तमान फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन से भी सवाल जवाब पूछे जा सकते हैं। क्योंकि मैक्रॉन इस सौदे के वक्त वित्त मंत्री थे और ओलांद राष्ट्रपति थे। दूसरी ओर भारत में भी इसे लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, तत्कालीन रक्षा मंत्री और अब फ्रांस के विदेशी मंत्री जीन-यवेस ले ड्रियान की भी इस मामले को लेकर मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
गौरतलब है कि फ्रेंच एनजीओ शेरपा ने साल 2018 में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकि उस वक्त फ्रांस की पब्लिक प्रॉसिक्यूशन सर्विस (पीएनएफ) ने इसे खारिज कर दिया था। हालांकि, दसॉल्ट एविएशन की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। इससे पूर्व कंपनी की ओर से इस बात को लेकर इनकार किया गया था कि भारत और फ्रांस के बीच हुए राफेल सौदे में कोई धांधली हुई है।
गौरतलब है कि फ्रांस की पब्लिक प्रॉसिक्यूशन सर्विस (पीएनएफ) ने 2019 में राफेल में कथित धांधली की औपचारिक जांच से इनकार कर दिया था। उस दौरान इसके प्रमुख एलियान हाउलेट ने अपने एक कर्मचारी की सलाह के विरुद्ध जा कर पूरे मामले में बगैर कोई जांच किए मामला खारिज कर दिया था। मगर अब पीएनएफ ने अपना रुख बदलते हुए पूरे मामले की जांच कराने का निर्णय लिया है।
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