चित्कार मेें बदली शहनाई की खुशियां, पसरा मातमी सन्नाटा
- परिजन व ग्रामीण करते रहे डोली का इंतजार
- पहुंची दुल्हे की लाश तो चिख उठा जर्रा-जर्रा
रानियां/खारियां(दीपक/सुनील)। चंद घड़ी पहले जहां ढोल-नगाड़े और शहनाइयां गूंज रही थी, कुदरत ने ऐसा कहर ढ़हाया कि अब वहां मातम पसरा है। राजस्थान के रावतसर- नोहर रोड पर गांव चाइया के पास रविवार शाम हुए भीषण हादसे में दूल्हे सहित चार बारातियों की मौत से कई परिवारों की खुशियां मात्तम में बदल गई। हादसे के शिकार हुए बाराती तीन अलग अलग गांव के रहने वाले हैं, जिसमें से दो रिसालियाखेड़ा और एक चौटाला का रहने वाला था। जबकि दूल्हा पंजाब के गांव मौजगढ़ का रहने वाला था। इस हादसे की वजह से गांव खारियां, रिसालियाखेड़ा और चौटाला सहित मौजगढ़ में मात्तम छा गया है। सोमवार को चारों मृतक के शव पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिए हैं।
शादी के लिए सात दिन पहले ही मामा के घर आ गया था जगतपाल
गांव खारिया निवासी शीशपाल भादू ने एक माह पहले ही अपने बेटे उमेद और भतीजे संदीप की सगाई राजस्थान के गांव किकराला में तय की थी। इधर शीशपाल की मौजगढ़ पंजाब में विवाहित बहन भी अपने बेटे जगतपाल के लिए रिश्ता तालाश रही थी। शीशपाल का पता लगा कि किकराला गांव के रिश्तेदारों के यहां तीन लड़कियां कुंवारी हैं। इसलिए उसने अपने भांजे जगतपाल का भी रिश्ता उनके यहां तीसरी लड़की से तय कर दिया। 18 जून रविवार को तीनों की शादी का दिन तय हो गया।
शीशपाल ने अपनी रिश्तेदारों के हिसाब से भांजे की बारात भी अपने घर से ही ले जाने की बात फाइनल कर ली। उसके बाद अगले दिन सोमवार को जगतपाल ने अपने गांव में पार्टी सुनिश्चित कर दी। शादी के लिए अपनी मां के साथ जगतपाल सात दिन पहले ही मामा के यहां खारिया गांव आ गया। घर में शादी की खुशियां थी। उधर मौजगढ़ में जगतपाल के बाकी परिजन पार्टी की तैयारी कर रहे थे। रविवार को तीनों लड़कों की बारात गई। शादी करके जब वे अलग-अलग गाड़ियों में दुल्हन लेकर आ रहे थे।
उसी समय दूल्हे जगतपाल की गाड़ी सड़क हादसे का शिकार हो गई। जिसमें जगतपाल और उसका जीजा संदीप निवासी चौटाला की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि संदीप का बेटा अजय घायल हो गया। उनकी गाड़ी को गांव चाइया के पास बोलेरो कैंपर ने आकर टक्कर मार दी। गनीमत यह रही कि गाड़ी में बैठी दुल्हन और दो अन्य लेडिज सहित चालक को चोट नहीं आई। वहीं विवाह की सारी खुशियां मातम में बदल गई।
पीछे रह गई थी दूल्हे जगतपाल की गाड़ी
मृतक जगतपाल के मामा विनोद ने बताया कि शादी के बाद तीनों दूल्हों की गाड़ी साथ ही गांव किकराला से शाम को चली थी। चाइया गांव से पहले जगतपाल की गाड़ी में दुल्हन के साथ आई महिला रिश्तेदार को उल्टी आने लगी। इसलिए वह गाड़ी रोक दी। बाकी दो गाड़ियां आगे निकल गई। उसके बाद जब गाड़ी कुछ देर बाद वापस चली तो आगे गांव रिसालियाखेड़ा की बारात जा रही थी। चाइया गांव से निकलने के बाद सामने से एक तेज रफ्तार में बोलेरो कैंपर आई।
उसने सीधी रिसालियाखेड़ा से आई आॅल्टो गाड़ी में टक्कर मार दी। उसके बाद अनियंत्रित होती हुई। जगतपाल की गाड़ी के बीच में टकरा गई। जिससे जगतपाल, संदीप और अजय खिड़की से बाहर आ पड़े। टक्कर इतनी भीषण थी की बीच की दोनों खिड़की एक हो गई, जिसमें जगतपाल और संदीप की मौत हो गई।
रिसालियाखेड़ा के पंच व उसके साथी की भी मौत
बोलेरो कैंपर की दो गाड़ियों से हुई भिड़ंत में दूसरी बारात के आॅल्टो गाड़ी में सवार रिसालियाखेड़ा निवासी वार्ड पंच 30 वर्षीय रघुबीर और 25 वर्षीय सुभाष की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि उनके साथ बैठा मोहनलाल निवासी रिसालियाखेड़ा भी गंभीर रूप से घायल हो गया। ये लोग गांव रिसालियाखेड़ा निवासी मैनपाल मेघवाल के बेटे की बारात में जाकर गांव फोर डीडब्लयूएम चक से वापस लौट रहे थे।
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