- अन्नदाता के संघर्ष की हुई जीत
- 1200 क्यूसेक पानी चलाने पर बनी सहमति
- हजारों की तादाद में उमड़े भाखड़ा क्षेत्र के काश्तकार
- धरतीपुत्र के आक्रोश से फूले प्रशासन के हाथ-पांव
HanumanGarh, Hardeep Singh: सोमवार को छाए घने कोहरे व शीतलहर से जहां लोगों की कंपकंपी छूटती रही वहीं दूसरी ओर कलक्ट्रेट पर उमड़ी भाखड़ा क्षेत्र के किसानों की भारी तादाद ने प्रशासनिक अधिकारियों के पसीने छुड़ा दिए। गेहूं व सरसों की फसल को बचाने के लिए पूरा पानी देने की मांग को लेकर भाखड़ा क्षेत्र के हजारों काश्तकार पूर्व घोषणानुसार सोमवार को कलक्ट्रेट के समक्ष जुटे तथा पड़ाव डाल दिया। किसानों की एकजुटता के आगे प्रशासन को घुटने टेकने पड़े। दोपहर बाद आंदोलनकारियों की कलक्टर से हुई वार्ता में भाखड़ा प्रणाली की नहरों में 1200 क्यूसेक पानी चलाए जाने पर सहमति बनी। आंदोलन सफल रहने पर किसानों के मुरझाए चेहरों पर खुशी झलक उठी। इससे पूर्व पड़ाव स्थल पर किसानों ने सभा की। सभा में किसानों ने प्रशासन को दो टूक कहा कि या तो मांग अनुसार पानी दो अन्यथा इसके नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहो। इससे माहौल तनावपूर्ण बन गया। किसानों ने भी अल्टीमेटम दे दिया कि शाम तक कोई निर्णय नहीं होने पर सरकार व प्रशासन को आक्रोश का सामना करना पड़ेगा।
सभा में पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल ने कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलन से सरकार तक आवाज नहीं पहुंच रही। इसके कारण किसानों को प्रशासन का कामकाज ठप कर कलक्ट्रेट का घेराव करने का निर्णय लेना पड़ा। पूर्व उप जिला प्रमुख शनबम गोदारा का कहना था कि झगड़ा पानी की मात्रा का नहीं है। मुद्दा यह है कि जितना पानी उपलब्ध है, उसका वितरण उचित ढंग से किया जाए। सौरभ राठौड़ ने कहा कि प्रशासन जल्द से जल्द 1200 क्यूसेक पानी चलाने की घोषणा करे। गौरतलब है कि भाखड़ा नहर में 1200 क्यूसेक देने की मांग पर किसान कर रहे थे जबकि सिंचाई विभाग भाखड़ा में 850 क्यूसेक से अधिक पानी न देने की बात पर अड़ा हुआ था।
पुलिस छावनी बना कलक्ट्रेट
घेराव-प्रदर्शन को लेकर पूरे बीकानेर संभाग का पुलिस जाब्ता मौके पर तैनात होने के कारण कलक्ट्रेट परिसर छावनी में बदल गया। किसानों को कलक्ट्रेट में घुसने से रोकने के लिए कलक्ट्रेट की चारदीवारी के साथ-साथ व सड़क के दूसरी ओर बेरिकेट्स लगाए गए। जिला पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव के नेतृत्व में एएसपी निर्मला बिश्नोई, डीएसपी अतर सिंह पूनियां सहित जिलेभर के थानों के प्रभारी भारी पुलिस जाब्ते के साथ तैनात थे।
पड़ाव स्थल पर यह रहे मौजूद
पड़ाव स्थल पर कांग्रेस कमेटी जिलाध्यक्ष केसी बिश्नोई, सुरेन्द्र दादरी, ओम बिश्नोई, प्रो. सुमन चावला, दयाराम जाखड़, पालाराम, प्रेमराज जाखड़, विनोद गोठवाल, गुरदीप चहल, महेन्द्र प्रताप ढिल्लों, बहादुर सिंह चौहान, राजेन्द्र प्रसाद, आशीष बिश्नोई, प्रियंका चाहर, राजेन्द्र मक्कासर, बीएस पेन्टर, जगजीत सिंह ‘जग्गी’, सुरेन्द्र शर्मा, आत्मासिंह, रामकुमार झोरड़, हरिकृष्ण राहड़, इशाक खान, सुनीता देवी सहित हजारों किसान मौजूद थे।
बढ़ती तादाद देख वार्ता के लिए बुलाया
किसानों की बढ़ती तादाद देख प्रशासन के भी हाथ-पांव फूल गए तथा उन्होंने वार्ता का बुलावा भेजा। एसडीएम वार्ता के लिए किसानों को बुलाने आए लेकिन उन्होंने इन्कार कर दिया। किसानों का कहना था कि मांग पूरी करवाए बिना वे न तो यहां से हिलेंगे और वार्ता भी पड़ाव स्थल पर किसानों के बीच बैठकर ही करनी होगी। किसानों का जत्थे के रूप में दोपहर बाद तक कलक्ट्रेट पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। किसानों की इतनी तादाद ने प्रशासन के पसीने छुड़ा दिए। एकबारगी वार्ता का बुलावा अस्वीकार करने पर पड़ाव स्थल पर विचार-विमर्श कर किसान नेताओं ने नरमी बरतते हुए एकबारगी प्रशासन की बात सुनने का निर्णय लिया। इसके बाद दोपहर को पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल, सुखदेव जाखड़, अशोक चौधरी, बलवीर सिंह सिद्धू, कामरेड रामेश्वर वर्मा आदि की कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित व पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव से वार्ता शुरू हुई जो सफल रही।