
चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। School News: पंजाब के कुछ पूर्व अधिकारियों ने मांग की है कि प्रदेश सरकार 2025-26 शैक्षणिक सत्र के लिए गैर-सहायता प्राप्त निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और वंचित समूहों के बच्चों के लिए 25 प्रतिशत आरक्षण को सख्ती से लागू करे। Chandigarh News
पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव जगमोहन सिंह राजू समेत कुछ पूर्व अधिकारियों, जिन्होंने इस मुद्दे को लेकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी, ने यहां जारी बयान बयान में कहा कि अदालत ने 19 फरवरी 2025 को अपने अंतरिम फैसले में पंजाब शिक्षा का अधिकार (आरटीई) नियम, 2011 के नियम 7(4) को आरटीई एक्ट, 2009 की धारा 12(1)(सी) के विरुद्ध घोषित किया है। Chandigarh News
उन्होंने कहा कि नियम 7(4) के तहत पंजाब की क्रमिक राज्य सरकारों ने निजी स्कूलों द्वारा 25 प्रतिशत प्रवेश मानदंडों के तहत छात्रों को प्रवेश देने से पहले सरकारी स्कूलों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की आवश्यकता लागू की, जिसे अब उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। जनहित याचिका में कहा गया है कि पंजाब सरकार आरटीई अधिनियम के अधिदेश को लागू करने में विफल रही है, जिसके कारण पिछले 14 वर्षों में लगभग 10 लाख छात्र गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित रह गए हैं, जैसा कि भारत के सीएजी की 2016 की रिपोर्ट में बताया गया है।
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