मानवता भलाई कार्यों को समर्पित रहा संपूर्ण जीवन
-
आदरणीय शाही परिवार, डेरा प्रबंध समिति, जिम्मेवारों और साध-संगत ने अर्पित की श्रद्धांजलि
सरसा। अपनी स्वांसों रूपी पूंजी पूर्ण कर कुल मालिक के चरणों में सचखंड जा विराजे। वे पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे और शाह सतनाम जी स्पेशेलिटी अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था। बाबू इन्द्रसैन इन्सां ने उपचार के दौरान सुबह के समय अंतिम सांस ली। उनके निधन पर आदरणीय शाही परिवार, डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधकीय समिति के सदस्यों, जिम्मेवारों व साध-संगत ने शोक व्यक्त करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उनका अंतिम संस्कार सच पेट्रोल पंप के नजदीक शमशान घाट में किया गया।
बाबू इन्द्रसैन इन्सां का जन्म सन् 1933 में लाहौर (वर्तमान पाकिस्तान में) निवासी पिता टेकचंद और माता तुलसी देवी के घर हुआ। बाबू जी पांच भाई बहन थे। देश विभाजन के बाद वे अपने परिवार सहित करनाल जिले में आकर बस गए। उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। तत्पश्चात हरियाणा सरकार के नहरी विभाग में एसडीओ के पद पर अपनी बेहतरीन सेवाएं दी। 1965 में उन्होंने पूज्य परमपिता शाह सतनाम जी महाराज से गुरुमंत्र की अनमोल दात प्राप्त की। इसके साथ ही वे निरंतर मानवता भलाई कार्यों में लगे रहे। सन् 1986 में वे सरकारी नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृति लेकर डेरा सच्चा सौदा में सेवा कार्यों के लिए आ गए। जहां 1987 में उन्होंने डेरा सच्चा सौदा के प्रबंधक के रूप में सेवाएं शुरू की। इसके पश्चात वे डेरा सच्चा सौदा की दूसरी पातशाही पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज व हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन सानिध्य में मानवता भलाई कार्यों में लगे रहे। वे अपने अंतिम स्वांस तक सतगुरु जी के प्रति दृढ़ विश्वास और आस्था के साथ सेवाएं देते रहे।
बाबू इन्द्रसैन इन्सां वृद्ध आयु अस्वस्थता के चलते पिछले कुछ दिनों से शाह सतनाम जी स्पेशेलिटी अस्पताल में उपचाराधीन थे। वीरवार सुबह अस्पताल में ही उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी पार्थिव देह को सर्वप्रथम शाह सतनाम जी धाम में अंतिम दर्शनों के लिए लाया गया, जहां आदरणीय शाही परिवार से साहिबजादे जसमीत सिंह इन्सां (पुज्य गुरु जी के सुपुत्र), आदरणीय शान-ए-मीत जी इन्सां, रूह-ए-मीत जी इन्सां (पूज्य गुरु जी के दामाद), बहन हनीप्रीत इन्सां (पूज्य गुरु जी की सुपुत्री) व डेरा सच्चा सौदा प्रबंध समिति ने सचखंडवासी बाबू इन्द्रसैन इन्सां को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। बाबू इन्द्रसैन इन्सां की अंतिम यात्रा में विभिन्न राज्यों के 45 मैंबर व स्थानीय साध-संगत ने पहुंचकर श्रद्धासुमन अर्पित किए। सच पेट्रोल पंप के नजदीक स्थित शमशान भूमि में बाबू इन्द्रसैन इन्सां का अंतिम संस्कार किया गया। चिता को मुखाग्नि बाबू जी के भाई रघुबीर इन्सां व भतीजे अजय इन्सां ने दी।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।