फारुक बोले, कश्मीर पर तीसरे पक्ष की लें मदद
भाजपा बोली- सलाह की जरूरत नहीं
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर की समस्या पर बड़ा बयान दिया है। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर भारत को अमेरिका और चीन की मदद स्वीकार कर लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम लोग चीन और पाकिस्तान से युद्ध नहीं कर सकते हैं, क्योंकि हमारी तरह उनके पास भी एटम बम हैं। इसलिए इस मुद्दे को बातचीत से ही सुलझाना चाहिए। अब्दुल्ला ने कहा कि दोस्तों का इस्तेमाल बातचीत करने के लिए, मुद्दे को हल करने के लिए कीजिए।
उन्होंने कहा कि इस मामले में पाकिस्तान भी एक पक्ष है और उसके साथ बात कर यह मुद्दा सुलझाया जाना चाहिए। जब तक आप कश्मीर पर पाकिस्तान से बात नहीं करेंगे, कश्मीर मुद्दे का हल नहीं निकालेंगे, हिंसा का क्रम रूकने वाला नहीं है।
फारुक अब्दुल्ला के बेटे और जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने अपने पिता का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने कश्मीर पर पाकिस्तान से बातचीत की सलाह दी।
बीजेपी बोली – सलाह नहीं चाहिए
वहीं अब्दुल्ला के इस बयान पर जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह का कहना है कि फारुक अब्दुल्ला के बयान की निंदा करता हूं। एक समय था जब अब्दुल्ला मुख्यमंत्री कहते थे कि पाकिस्तान पर हमला करना चाहिए, आज ऐसे बयान दे रहे हैं,
यह निचले स्तर की बात करते हैं। निर्मल सिंह ने कहा कि क्या फारुक अब्दुल्ला भूल गए हैं, क्या 1994 का शिमला एग्रीमेंट है, इसके अलावा लाहौर का फैसला है। उसमें कहा गया है कि पाकिस्तान के साथ कैसे भारत को डील करना चाहिए।
कश्मीर हमारा आंतरिक मामला : राहुल
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है तथा इसमें किसी और देश का कोई लेना-देना नहीं है। गांधी ने कश्मीर मसले पर संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि यह हमारा आंतरिक मामला है और इससे किसी का कुछ लेना-देना नहीं है।
जहाँ तक कश्मीर पर चीन और पाकिस्तान से चर्चा की बात है तो कश्मीर भारत है और भारत कश्मीर है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर की स्थिति खराब करने का दोषी बताते हुए कहा कि मैं काफी समय से कह रहा हूँ कि राजग की नीतियों ने जम्मू-कश्मीर को जला दिया है।
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