बोले-2017 के बाद पारदर्शिता में आई बहुत ज्यादा कमी
नई दिल्ली। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने चुनावों में बढ़ते धनबल पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने एक साक्षात्कार में अपनी पीड़ा व्यक्त की। वे कहते हैं कि एक वक्त था जब सियासी दलों को 20 हजार रुपए से ज्यादा पैसा खर्च करने पर उसका हिसाब चुनाव आयोग को देना होता था, लेकिन 2017 के बाद से बदले हालात में अब 20 हजार करोड़ के अमाउंट की बात हो तो उसमें हिसाब देना वाजिब नहीं समझा जाता। ऐसा इलेक्टोरल बॉन्ड के चलते हुआ है, अगर ट्रांसपेरेंसी की बात करें तो ये पहले से बहुत ज्यादा कम हो गई है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले में मामले लंबित पड़े हैं। कोर्ट का लेकर गंभीर न होना, इस पर ताज्जुब होता है।
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