जमीन हड़पने के लिए कूटरचित दस्तावेज तैयार कर कोर्ट में किए प्रस्तुत

Hanumangarh News
जमीन हड़पने के लिए कूटरचित दस्तावेज तैयार कर कोर्ट में किए प्रस्तुत

बहन ने भाई व भतीजे के खिलाफ दर्ज करवाया मुकदमा

हनुमानगढ़। भाई-बहनों को भूमि से वंचित करने के लिए कूटरचित वसीयत तैयार कर उसे सही मानते हुए एसडीएम कोर्ट में प्रस्तुत करने के आरोप में एक बहन ने अपने भाई व भतीजे के खिलाफ टाउन पुलिस थाना में मुकदमा दर्ज करवाया है। Hanumangarh News

कोर्ट से प्राप्त इस्तगासा के आधार पर दर्ज हुए मुकदमे में सुमित्रा देवी (62) पत्नी बेगराज ब्राह्मण निवासी चक 13 एनडीआर, नौरंगदेसर ने बताया कि उसके पिता के आठ संतानें हैं। इनमें नत्थूराम, जगदीश, हनुमान, द्वारका प्रसाद, मदनलाल भाई व नोजा व कौशल्या बहनें हैं। उसका भाई नत्थूराम जो कि अविवाहित था, उसके नाम से चक नम्बर 20 एचएमएच में कुल 22 बीघा भूमि आवंटित हुई थी। उसके भाई नत्थूराम का देहान्त 27 मई 1992 को हो गया था, उसके पश्चात उसके भाई नत्थूराम की भूमि उसकी माता परमेश्वरी देवी के नाम से राजस्व रिकार्ड में दर्ज हुई जिस पर किसी भी पक्ष ने कोई आपत्ति नहीं की।

उसकी माता परमेश्वरी देवी का देहान्त 5 मार्च 2001 को हो गया। इस पर उक्त भूमि उसके खुद के व उसके भाई-बहनों के नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज हुई। उसके पिता रामकिशन के नाम से चक नम्बर 21 एसएसडब्ल्यू में कुल 14 बीघा भूमि व चक नम्बर 22 एसएसडब्ल्यू में 14 बीघा भूमि राजस्व रिकार्ड में दर्ज थी। उसने अपने पिता रामकिशन के नाम दर्ज भूमि के सम्बन्ध में एक वाद सुमित्रा बनाम जगदीश आदि पेश किया। इसमें उसने अपने पिता रामकिशन व भाई नत्थूराम के हिस्सा की भूमि में से 1/7 हिस्सा की घोषणा के लिए वाद पेश किया। उसकी ओर से प्रस्तुत वाद में पक्षकारों के मध्य यह राजीनामा हुआ कि उसके पिता रामकिशन की भूमि में से वह कोई हिस्सा नहीं लेगी परन्तु अपने भाई नत्थूराम की भूमि जो उसकी माता के नाम से राजस्व रिकार्ड में दर्ज हुई, वह अपनी माता के नाम की सम्पूर्ण भूमि में हिस्सा प्राप्त करेगी। Hanumangarh News

इसी राजीनामा के आधार पर राजीनामा के जरिए वाद पत्र खारिज करवा लिया। वाद खारिज करवाने के पश्चात उसके भाई जगदीश ने एसडीएम हनुमानगढ़ में एक वाद जगदीश बनाम द्वारका प्रसाद आदि प्रस्तुत किया जो 23 मार्च 2024 को विड्रा कर लिया गया। उसके बाद उसके भाई जगदीश निवासी रामसरा नारायण व उसके पुत्र सुभाष चन्द्र ने एसडीएम कोर्ट हनुमानगढ़ में एक दावा सुभाष चन्द्र बनाम जगदीश आदि इस आशय का पेश किया कि नत्थूराम पुत्र रामकिशन ने अपनी कृषि भूमि चक नम्बर 20 एचएमएच की 22 बीघा भूमि की वसीयत 27 दिसम्बर 1985 को सुभाष चन्द्र के पक्ष में की है। सुभाष चन्द्र व उसके पिता जगदीश ने साजबाज होकर एक फर्जी वसीयत जो तहसीलदार अनूपगढ़ के समक्ष पेश कर तस्दीक करवाई जबकि किसी भी दस्तावेज को पंजीकृत करने का क्षेत्राधिकार उप पंजीयन अधिकारी का है। तथाकथित वसीयत उप पंजीयन अधिकारी के समक्ष पेश नहीं की गई व तहसीलदार अनूपगढ़ के फर्जी हस्ताक्षर कर तैयार की गई है।

सुभाष चन्द्र व जगदीश ने नत्थूराम की मृत्यु 27 मई 1992 को होने के पश्चात व उसकी भूमि परमेश्वरी देवी के नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज होने, परमेश्वरी देवी की मृत्यु 5 मार्च 2001 को होने, सभी वारिसों के नाम उक्त भूमि राजस्व रिकार्ड में दर्ज होने, एसडीएम हनुमानगढ़ में उसकी ओर से प्रस्तुत वाद पत्र, उसके पश्चात जगदीश की ओर से एसडीएम कोर्ट हनुमानगढ़ में बाद प्रस्तुत करने व विड्रा करने तक उक्त वसीयत का कहीं भी जिक्र नहीं किया।

न ही उक्त फर्जी वसीयत को प्रस्तुत किया जबकि सुभाष चन्द्र व जगदीश उक्त वसीयत 27 दिसम्बर 1985 की होना कथन करते हैं। सुमित्रा देवी के अनुसार सुभाष चन्द्र व जगदीश ने उसे व उसके भाई-बहनों को उक्त भूमि से वंचित करने के लिए कूटरचित वसीयत तैयार कर और उसे सही मानते हुए एसडीएम कोर्ट हनुमानगढ़ में प्रस्तुत किया। उसने इस संबंध में अपने भाई जगदीश व भतीजे सुभाष चन्द्र को ओलमा दिया तो उन्होंने कहा कि हमें तो यह जमीन हड़पनी है और हम हड़प कर रहेंगे। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान एएसआई जसवंत सिंह के सुपुर्द किया है। Hanumangarh News

सही लेवल अनुसार खाला निर्माण की मांग, किसानों ने जिला कलक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here