मांगों को लेकर कैबिनेट मंत्री की रिहायश के आगे बैठे प्रौफेसर और लाईब्रेरियन
- ‘खुद को आम कहने वाले मंत्रियों के पास रोजगार तो दूर, इनके पास मीटिंग करने का समय भी नहीं’
- सुबह से बैठे 1158 सहायक प्रोफैसरोंं और लाईब्रेरियनों ने दोपहर बाद तोड़े पुलिस बैरीकेट्स, दिया धरना
बरनाला। (जसवीर सिंह गहल/राजिन्द्र/मनोज) सोमवार सुबह से यहां कचेहरी चौंक पर धरने पर बैठे 1158 सहायक प्रोफैसरोंं और लाईब्रेरियनों ने दोपहर बाद कैबिनेट मंत्री मीत हेयर की रिहायश पर धावा बोल दिया। इस दौरान पुलिस बैरीकैट्स तोड़ते उनकी पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी हुई, जिससे उनको रिहायश की तरफ जाते मुख्य गेट के पास धरना लगाके पंजाब सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। लेकिन करीब साढ़े चार बजे पुलिस ने अचानक ही प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया, जिससे कई प्रदर्शनकारियों को चोटें भी लगी हैं। सरकारी या प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा पक्ष न सुने जाने से रोष में आए फ्रंट के नेताओं ने दोपहर बाद 3 बजे ज्यों ही अपने प्रदर्शनकारी साथियों को उच्च शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर की रिहायश की तरफ बढ़ने का इशारा किया तो बड़ी संख्या में मौजूद महिला और पुरूष प्रोफैसरोंं ने पुलिस बेरीकैट्स तोड़ दिए।
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बैरीकैट्स तोड़ आगे बढ़ते महिला प्रोफैसरों ने पुलिस कर्मचारियों को मजबूरी बताई। उन्होंने कहा कि ‘अचानक एक लैटर निकले और आपकी जॉब खत्म हो जाए तो आप क्या करोगे? यही न जो हम कर रहे हैं।’ लेकिन पुलिस ने उनको धक्के मारते हुए पीछे किया। इस दौरान बैरीकैट्स तोड़ते प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच काफी ज्यादा धक्का-मुक्की होनी शुरू हो गई, जिस दौरान कुछ प्रदर्शनकारी और पुलिस जवान नीचे भी गिर गए। आखिर साढे 4 बजे पुलिस ने अचानक ही प्रदर्शनकारियों पर लाठीचारज कर उनको मिनटों में ही खदेड़ दिया। महिला तहसीलदार की मौजूदगी में पुलिस ने महिला प्रदर्शनकारियों को भी जमीन पर घसीटा। इसके बाद प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने बसों में भरकर थाने ले जाकर बंद कर दिया।
खुद को लोगोें की सरकार कहलवाने वाली ‘आप’ सरकार चढ़ी राजनीति की भेंट : फ्रंट नेता
फ्रंट के नेता कर्मजीत सिंह, डॉ. सोहेल और जगजीत सिंह ने कहा कि 1158 की भर्ती प्रक्रिया पिछली और खुद को लोगोें की सरकार कहलवाने वाली मौजूदा सरकार की राजनीति की भेंट चढ़ गई है, जिसके परिणाम स्वरूप उनको अपने हकों की प्राप्ति के लिए पुलिस के धक्के- मुक्के खाने पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस का काम डंडे मारना है क्योंकि मंत्रियों ने इनकी ड्यूटी इसी काम पर लगाई है। उन्होंने कहा कि ‘खुद को आम कहने वाले मंत्रियों के पास रोजगार तो दूर, इनके पास मीटिंग करने का समय भी नहीं।’ नेताओं ने आरोप लगाया कि कैबिनेट मंत्री मीत छोटे से मैसेज पर प्राईवेट यूनीर्वसिटी/कॉलेज/स्कूल पहुंच जाते हैं क्यिोंकि इन्होंने प्राईवेट विभागों के मालिकों से मोटे रूपये लेने हैं, किसी को राज्यसभा में भेजकर तो किसी को चेयरमैन बनाकर यह अधिकार देते हैं कि आप आम लोगों को फीसों के नाम पर लूट लो, चाहे वह स्कूल हों या अस्प्ताल हों।
उन्होंने कहा कि पढ़े-लिखों को यह मंत्री और भी पिटवाते हैं क्योंकि इनके पढ़े-लिखे होने से इन्होंने आगे जाकर दूसरों को भी जागरूक जो करना है जो कि इनके हक्क में नहीं। नेताओं ने मांग की कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा 1158 सहायक प्रोफैसरों और लाईब्रेरियनों की भर्ती का विज्ञापन रद्द किया जाए, लिखित फैसला आने उपरांत बनी स्थिति के बारे में सीएम और कैबिनेट मंत्री के साथ उनकी पैनल मीटिंग करवाई जाए।
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