केन्द्र में एनडीए सरकार का नेतृत्व कर रही भाजपा ने मंत्रिमंडल का जिस दृष्टि से गठन किया है उसमें बाहरी व आंतरिक सुरक्षा पर विशेष ध्यान रखा गया है। पिछली सरकार में गृहमंत्री रहे राजनाथ सिंह को इस बार रक्षा मंत्री का पद सौंपा गया है। इसी तरह भाजपा को निरंतर दूसरी बार बहुमत दिलाने के नायक अमित शाह को गृह मंत्री बनाया गया है। इन दोनों अहम पदों की जिम्मेदारी भाजपा के खास व बड़े कद वाले नेताओं को सौंपना इस बात का संकेत है कि भाजपा देश की सुरक्षा को अपने एजेंडे का मुख्य केन्द्र बिंदु बनाकर चल रही है।
चुनावी मैनीफेस्टो में भी भाजपा ने सुरक्षा मामले को लेकर सरकार की उपलब्धियों पर सबसे ज्यादा जोर दिया था और भाजपा को इसका लाभ भी मिला है। मोदी कैबिनेट का पहला निर्णय ही सुरक्षा से सबंधित है जिसके अंतर्गत शहीदों के बच्चों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में 500 रुपए की बढ़ौतरी की गई है। भाजपा की नीति, रणनीति व मंत्रीमंडल के गठन से यह तय है कि जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों की गतिविधियों पर सरकार विशेष ध्यान रखेगी। नि:संदेह सुरक्षा महत्वपूर्ण मुद्दा है
लेकिन दूसरे क्षेत्रों की स्थिति बहुत गंभीर बनी हुई है जिनकी चर्चा नहीं हो सकी। कृषि व जल संसाधन ऐसे क्षेत्र हैं जहां पानी की कमी एक बड़ी समस्या है और देश निरंतर मरूस्थल बनने की राह पर चल रहा है। कृषि प्रधान देश में कृषि को खास महत्व नहीं दिया गया। कृषि के अलावा बेरोजगारी, उद्योगों, तकनीकी, शिक्षा व स्वास्थ्य जैसे विषयों पर भी बराबर ध्यान देने की जरूरत है। नि:संदेह भाजपा ने मंत्रिमंडल गठन के समय सहयोगी पार्टियों की नुमाइंदगी व कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव को भी मद्देनजर रखा लेकिन देश के विकास के लिए संतुलित नीतियां बनानीं होंगी।
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