संगरूर। पिछले दिनों जहां आसमान से बरसी आपदा ने किसानों की फसल को चौपट कर दिया, वहीं नई फसल उगाने वाले किसानों के चूल्हे भी जलते नजर आ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक संगरूर के गिदरियानी गांव में किसान 150 से 200 एकड़ में फूलों की खेती करते हैं, लेकिन अब ओलावृष्टि से उनकी फसल बर्बाद हो गई है। ये किसान अमेरिका, हॉलैंड और जर्मनी में 300 से 500 किलो बीज बेचते थे। किसानों का कहना है कि अभी भी सिर पर बादल छाए हुए हैं। बरस गया बादल का पानी उन्हें रात को नींद भी नहीं आती। जिन खेतों में खुशी चेहरे पर दिख रही थी, अब उनका खेतों में जाने का मन नहीं कर रहा है।
अब वे सरकार से मुआवजा देने की गुहार लगा रहे हैं
किसानों का कहना है कि कुछ दिन पहले लोग खेतों में तस्वीरें लेने जाया करते थे क्योंकि जहां तक नजर जाती पूरी जमीन रंग-बिरंगे फूलों से ढकी रहती थी। किसान भी खुश थे कि अच्छी फसल होने से इस बार अच्छा मुनाफा होगा लेकिन 30 मार्च को आसमान से आई ओलावृष्टि ने सपनों को चकनाचूर कर दिया। अब वे सरकार से मुआवजा देने की गुहार लगा रहे हैं।
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