मूनक/संगरूर(सच कहूँ/मोहन सिंह )। बीते कई दिनों से हिमाचल, चंडीगढ़, जीरकपुर, पंचकूला और पटियाला में लगातार हो रही बरसात से घग्गर दरिया में पानी का स्तर फिर से बढ़ने लगा है जोकि 742:8 फुट खनौरी में लगे मापदंड अनुसार हो चुका है। घग्गर में पानी चाहे खतरे के निशान से काफी नीचे चल रहा है लेकिन घग्गर दरिया के मौजूदा पानी का लेवल ऊंचा होने के कारण निचले खेतों में जमा बरसात का पानी घग्गर दरिया में न जाने से सैंकड़ों एकड़ धान की फसल के डूबने का खतरा पैदा हो गया है। हर साल की तरह इस साल एक बार फिर घग्गर दरिया के संभावित बाढ़ का डर किसानों को सताने लगा है। गांव मकोरड़ साहब के किसानों अंग्रेज सिंह, हरपाल सिंह, लाडी सिंह, मोहन सिंह ने बताया कि पातड़ं के नजदीक चम्बोचाय ड्रेन का पानी घग्गर में न जाने के कारण यह पानी अपने आप निचले खेतों में से होता हुआ मंडवीं, मकोरड़, मूणक, सुरजणभैनी आदि के निचले खेतों में खड़ी धान की फसलों को अपनी चपेट में ले रहा है। इसी तरह मूनक के किसान सुखचैन सिंह ने बताया कि उनके खेत नीचे होने कारण बरसात का पानी पीछे मकोरड़ साहब, मंडवी, सलेमगढ़, सुरजणभैनी आदि का पानी आकर मूनक वापसी घग्गर दरिया में गिरता है लेकिन घग्गर दरिया में बढ़ रहे पानी के स्तर से बरसात के पानी की निकासी बन्द हो गई है, जिससे बारां पुल के पास मूनक के 40-50 एकड़ के करीब किसानां की फसल पानी में डूब चुकी है। इन खेतों के पास से निकल रही सड़क मकोरड़ साहब की आवाजायी भी बन्द हो गई है। हलका विधायक बरिन्दर गोयल के प्रयासों से चाहे इस साल घग्गर दरिया के संभावी बाढ़ को कन्ट्रोल करने के लिए घग्गर दरिया के बांधों को मजबूत करने का काम तीन महीने पहले ही शुरू हो गया था लेकिन घग्गर की स्थिति इस हलके में ऐसी बन चुकी है कि घग्गर के संभावित बाढ़ को कंट्रोल करने के लिए बड़े प्रयास करने की जरूरत है। क्योंकि घग्गर दरिया का मसला पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और राजसथान से संंबंधित है। इन सरकारों की आपसी सहमति से ही घग्गर दरिया का स्थाई हल निकल सकता है।
सब डिवीजन मूनक के दो दर्जन गांवों के लोग तीन दशकों से झेल रहे घग्गर दरिया का संताप
सब डिवीजन मूनक के दो दर्जन गांवों के लोग तीन दशकों से घग्गर दरिया का संताप झेल रहे हैं और जल्द घग्गर दरिया का स्थाई हल होना संभव नहीं लग रहा। किसानों ने कहा कि गर्वनरी राज से लेकर कांग्रेस, अकाली दल के राज दौरान क्षेत्र के लोगों को घग्गर के स्थाई हल के बहानों के सिवाय कुछ हासिल नहंी हुआ। अब पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान का अपना जिला और स्थानीय एमएलए बरिन्दर गोयल से हलके के लोगों को बड़ी उम्मीदें है कि वह घग्गर दरिया के बाढ़ का स्थाई हल निकालेंगे। किसानों ने कहा कि घग्गर दरिया की मार प्राकृतिक मार नहीं है बल्कि इसे सरकारी मार कहा सकता है क्योंकि बरसात तो हिमाचल, चंडीगढ़ अम्बाला आदि जगहों पर हो रही है लेकिन घग्गर की मार इस क्षेत्र के लोगों को झेलनी पड़ रही है। किसानों ने मांग की कि घग्गर के साथ फसलों के हुए नुक्सान का मुआवजा दिया जाए। गांव मकोरड़ साहब के किसानों ने बताया कि पूर्व सरकारों और संबंधित विभाग की लापरवाही के कारण घग्गर मकोरड़ साहब से पीछे झील का रूप धारण कर चुका है क्योंकि पूर्व सरकारों में घग्गर दरिया को खनौरी से लेकर मकोरड़ साहब पुल तक चौड़ा कर पानी की आमद तो बढ़ा दी गई है लेकिन मकोरड़ साहब से लेकर कड़ैल हरियाणा की हद तक चौड़ा न करने के चलते पानी की निकासी बहुत कम है। इस कारण मकोरड़ साहब पुल के ऊपर से घग्गर दरिया झील का रूप धारण कर लेता है। हलका विधायक बरिन्दर गोयल ने चाहे यह मसला विधान सभा में उठाकर इस मुश्किल को सरकार के ध्यान में तो ला दिया है लेकिन इसका इतनी जल्दी कोई हल निकलना संभव नहीं है।
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