धौलपुर (एजेंसी)। राजस्थान में आगरा मुरैना के बीच बह रही चंबल नदी का पुराना सड़क पुल डूब गया है और नदी में पानी की निरंतर आवक के कारण पिछले 26 साल पहले बना रिकॉर्ड टूट गया है। सिंचाई विभाग के सूत्रों के अनुसार 26 वर्ष पहले 145. 20 मीटर का आंकड़ा बना था अब चंबल में 145. 50 मीटर पानी आ गया है। इससे जिले के चंबल किनारे बसे काफी गांव प्रभावित हो रहे हैं। नदी किनारे बना मुक्तिधाम झील बन गया है। जिससे शवों का संस्कार भी नहीं हो रहा है। पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके की नजाकत को देखकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए कार्य कर रहे हैं। जिला कलेक्टर ने बताया कि सभी चिकित्सा अस्पतालों में हर समय खुलने के साथ रोगियों को पर्याप्त मात्रा में दवाएं देने के निर्देश दिए गए हैं। उधर सेना तथा एसआरडीएफ की टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों से बुजुर्गों एवं अन्य असहाय लोगों को सुरक्षित स्थान पर लाने के कार्य में जुटी हुई है।
राजस्थान में बाढ़ग्रस्त इलाकों में चार हजार से अधिक लोगों को बचाया
राजस्थान में बाढ़ग्रस्त इलाकों में बचाव कार्य यु़द्धस्तर पर जारी है और जिला प्रशासन, सेना दल, वायु सेना, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं नागरिक सुरक्षा की टीमों ने बाढ़ग्रस्त इलाकों से चार हजार 302 व्यक्तियों को बचाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। आपदा प्रबन्धन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के शासन उप सचिव के अनुसार मध्यप्रदेश एवं राजस्थान में भारी वर्षा होने के कारण चम्बल, कालीसिंध, परवन, पार्वती एवं मैज नदियों एवं राणाप्रताप सागर, कालीसिंध, कोटा बैराज, जवाहर सागर, पार्वती डेम एवं गुढ़ा डेम बांधों में अत्यधिक पानी की आवक से अधिकतर बांधों के गेट खोलने के कारण राज्य के कोटा, बूंदी, बारां, करौली, सवाई माधोपुर, झालावाड़ एवं धौलपुर जिलों में जलभराव से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
युद्धस्तर पर बचाव कार्य जारी
उन्होंने बताया कि इन जिलों के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में फंसे हुए व्यक्तियों को सुरक्षित बचाने के लिए युद्धस्तर पर बचाव कार्य जारी है। झालावाड़ में 751 व्यक्तियों का रेस्क्यू किया गया है। जिले में एसडीआरएफ की तीन, एनडीआरएफ की एक, सेना बचाव दल एवं नागरिक सुरक्षा की टीमें तैनात है। कोटा में 1286 व्यक्तियों को बचाया गया है एवं यहां एनडीआरएफ की दो, एसडीआरएफ की चार, एवं सेना की एक टीम तैनात है। वहीं धौलपुर में 1460 व्यक्तियों का रेस्क्यू किया गया है। सेना का एक कॉलम एवं एसडीआरएफ की तैनात चार टीमें यहां बचाव कार्य में लगी हुई हैं। बारां में 708, बूंदी में 15 व करौली में 82 व्यक्तियों को आपदा से बचाया गया। इसी तरह बारां जिले के तहसील छबड़ा के खुरई ग्राम क्षेत्र से 13 व्यक्तियों को एयरलिफ्ट किया गया है। बाढ़ग्रस्त इलाकों में जिला प्रशासन, सेना दल, वायु सेना, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एवं नागरिक सुरक्षा की टीमों तथा ग्रामीणों द्वारा राहत एवं बचाव कार्य किए जा रहे है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निदेर्शानुयार फसलों एवं मकानों में हुए नुकसान का तत्काल सर्वे करवाए जाने एवं बाढ़ के कारण हुई क्षति पर प्रभावित व्यक्तियों को एसडीएफ नॉर्म्स के अनुसार राहत सहायता दिए जाने के लिए निर्देश प्रदान कर दिए गए है। आपदा प्रंबधन एवं सहायता विभाग द्वारा इस मद में समस्त जिलों को पर्याप्त राशि आवंटित भी कर दी गई है।
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