बेंगलुरु (एजेंसी)। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबराय ने कहा है कि भारत पांच हजार अरब डालर की आर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य पर 2026-27 तक प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी से वृद्धि की राह को क्षति पहुंचने के कारण इस लक्ष्य में दो से तीन साल की देरी हो रही है। देबराय ने यहां बैंगलोर चैंबर ऑफ इंडस्ट्री एंड कॉमर्स (बीसीआईसी) की 45 वीं वार्षिक आम बैठक में कहा, “जब यह लक्ष्य पहली बार घोषित किया गया था तो उस समय किसी ने कोविड जैसी वैश्विक आपादा के कारण लगने वाले झटके की कल्पना तक नहीं की थी। बावजूद इसके कई अन्य तथाकथित उन्नत देशों की तुलना में, भारत ने कोविड का मुकाबला बहुत अच्छी तरह किया ।
चाहे वह मृत्यु दर हो या या टीकाकरण हर मामले में भारत का प्रबंध उल्लेखनीय रहा है। देबराय ने कहा, ‘इस तरह के अच्छे प्रबंध के बावजूद कोविड के कारण हमारा दो वर्ष का समय बर्बाद हो गया है। हमने अपने विकास की दौड़ में दो साल गवां दिये हैं। हमने स्वस्थ विकास के उन लक्ष्य लक्ष्यों की दिशा में प्रयास को प्राप्त करने की कोशिश में दो साल गवां दिए जिसे भारत और बाकी दुनिया को 2030 तक हासिल करना है।
फिलहाल भारत अधिकतम 7.5 प्रतिशत तक की वृद्धि हासिल करने में सक्षम होगा
उन्होंने कहा, ‘तो, स्पष्ट रूप से 5 हजार अरब डालर के लक्ष्य तक पहुंच पाना अब 2024-25 तक अब असंभव है। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने हाल ही में कहा है और आईएमएफ ने भी कहा है कि यह अब 2026-27 तक संभव हो सकता है,” देबराय और बीसीआईसी सदस्यों के बीच हुई इस बातचीत का वीडियो मंगलवार को यहां जारी किया गया। उन्होंने कहा कि चाहे दो या तीन साल की देरी हो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। भारत लक्ष्य को हासिल कर लेगा, लेकिन भारत को 8-8.5 फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर की जरूरत है।
उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक मंदी, भू-राजनीतिक तनाव और कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी जैसे कारकों को देखते हुए भारत के लिए अगले दो से तीन वर्षों में अधिकतम 8.5 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करना संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल भारत अधिकतम 7.5 प्रतिशत तक की वृद्धि हासिल करने में सक्षम होगा। यह कई देशों में मौजूदा परिस्थितियों की तुलना में काफी सम्मानजनक है।
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