- अभियान| दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में अधिकारियों व समन्वयकों को दी जानकारी
- मार्च से नियमित टीकाकरण में शामिल होगा रोटा वायरस वैक्सीन
- चिकित्सा अधिकारियों व आईईसी समन्वयकों को राज्यस्तर पर किया प्रशिक्षित
ShriGangaNagar, Ajay Rajpurohit: राष्ट्रीय टीकाकरण सारणी में आगामी मार्च से दस्त रोग प्रतिरक्षक रोटा वायरस टीका शामिल हो जाएगा। इसी के साथ राज्य में बच्चों को रोटा वायरस वैक्सीन की पांच गुलाबी रंग की बूंदे 6, 10 और 14 सप्ताह की उम्र में नियमित टीकाकरण के साथ पिलाई जाएगी। इस संबंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव वीनू गुप्ता ने दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में अधिकारियों व समन्वयकों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर के नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों की फेहरिस्त में यह एक नया आयाम स्थापित होगा। उन्होंने बताया कि दो वर्ष तक के बच्चों की अकाल मृत्यु में दस्त मुख्य कारण होता, लिहाजा केंद्र सरकार ने रोटा वायरस वैक्सीन को टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है।
एनएचएम के मिशन निदेशक नवीन जैन ने बताया कि देश में 13 फीसदी बच्चों की डायरिया से मौत होती है एवं 40 फीसदी बच्चों को दस्त होने पर चिकित्सालय में भर्ती कर उपचार की आवश्यकता होती है। विश्व में 81 देश पहले से ही पूर्ण सुरक्षित एवं मीठे स्वाद वाला रोटा वायरस वैक्सीन बच्चों को दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रोटा वायरस वैक्सीन एक वायल में 10 खुराकें होंगी एवं इनका वायल खोलने के बाद अधिकतम चार घंटे तक उपयोग किया जा सकेगा। इन्हें +2 डिग्री से +8 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर सतर्कता पूर्वक रखना होगा। कार्यशाला में सभी जिलों के आरसीएचओ, चिकित्सा अधिकारी व आईईसी समन्वयक शामिल हुए।
टीकाकरण कार्यक्रम की हुई समीक्षा
राज्य में संचालित नियमित टीकाकरण कार्यक्रम की विस्तृत समीक्षा की गई। उच्चाधिकारियों ने कम उपलब्धियां अर्जित करने वाले जिलों के अधिकारियों को इस संबंध में विशेष गंभीरता बरतकर निर्धारित लक्ष्य अर्जित करने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने प्रभावी एवं समयबद्ध चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में गंभीरता बरतने के निर्देश दिए।