नक्सल प्रभावित इलाकों में भी करेगा मदद
नई दिल्ली । रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मानव रहित, रिमोट से संचालित टैंक विकसित किया है। इस टैंक के तीन तरह के मॉडल्स विकसित किए गए हैं- सर्विलांस, बारूदी सुरंग खोजने वाला और जिन इलाकों में न्यूक्लियर और जैविक हमलों का अंदेशा है, वहां गश्ती लगाने के लिए। इस टैंक को MUNTRA नाम दिया गया है और ये देश का पहला मानवरहित टैंक है।
इस टैंक को कॉम्बैट वीइकल्स रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट इस्टैबलिशमेंट (CVRDE) इसे बनाया है और इन टैंकों का परीक्षण राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों के तेज तापमान में किया गया है। परीक्षण के दौरान सेना ने इस टैंक को सफलापूर्वक संचालित किया। अर्धसैनिक बल इस टैंक को नक्सल प्रभावित इलाकों में इस्तेमाल करना चाहते हैं, इसके लिए इस टैंक में कुछ बदलाव की जरूरत होगी।
- टैंक में निगरानी रडार, कैमरा, लेजर रेंज का पता लगाने वाली डिवाइस है।
- इससे जमीन पर 15 किलोमीटर की दूरी तक भारी वाहनों का पता लगाया जा सकता है।
प्रदर्शनी में रखे गए टैंक
इस तरह के दो बख्तरबंद टैंकों को ‘साइंस फॉर सोल्जर्स’ प्रदर्शनी में लगाया था। इसका आयोजन पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम के सम्मान में DRDO ने अवदी में कराया था। बख्तरबंद टैंक की तरह डिजाइन किए गए रिमोट से ऑपरेट होने वाले ये टैंक अवाडी में साइंस फॉर सोल्जर्स नाम की प्रदर्शनी में डिस्प्ले में रखे गए हैं।
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