सोनीपत ट्रैक पर दौड़ेगी पहली हाइड्रोजन ट्रेन

Vande Metro Train
  • जींद : हाइड्रोजन गैस प्लांट का निरीक्षण करने पहुंचे रेलवे जीएम आशुतोष गंगल
  • अंडरपास में भर रहे पानी की व ट्रेन ठहराव की शिकायत लेकर पहुंचे लोग

जींद (सच कहूँ / कुलदीप नैन) रेलवे जीएम आशुतोष गंगल बुधवार को (hydrogen train) जींद जंक्शन पर पहुंचे। यहाँ पर उन्होंने साइट का निरीक्षण किया। देश के पहले जंक्शन जींद पर बनने वाला हाईड्रोजन गैस प्लांट 120 करोड़ रुपये से तैयार किया जाएगा। यह प्लांट वर्ष 2023 के अंतिम चरण तक बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद यहां से आठ हाईड्रोजन ट्रेन चलाई जाएंगी, जिसमें पहली ट्रेन सोनीपत ट्रैक पर दौड़ेगी। जीएम आशुतोष गंगल ने कहा कि एडिशनल पावर सप्लाई के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेकर यहां पर एक सब स्टेशन का निर्माण करवाया जाएगा।

इसके लिए रेलवे ने राज्य सरकार के पास 20 लाख रुपये जमा करवा दिए हैं। हाइड्रोजन प्लांट बनने के बाद जो डेमो कंवरट होगी उससे ट्रेन में हाइड्रोजन भरी जाएगी। योजना के तहत आठ ट्रेन चलाई जाएंगी, जिसमें से एक ट्रेन में 400 किलोग्राम हाइड्रोजन भरी जाएगी। पाइप लाइन डिजाइन के लिए अप्रूवल मिलने के बाद काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सोनीपत-पानीपत अंडरब्रिज के अलावा कई जगह रेलवे के पास पानी भरने की शिकायतें आ रही हैं। इसके लिए योजना के तहत काम किया जा रहा है। शेड लगाए जा रहे हैं और अन्य कई जगह जो भी कमियां पाई जाती हैं उसे दूर किया जा रहा है।

एनआरएमयू ने भी जीएम को सौंपा ज्ञापन

नार्दन रेलवे मेंस यूनियन जींद शाखा सचिव मेहर सिंह ने मांगों को लेकर जीएम आशुतोष गंगल को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से जींद जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक पर शेड बनाने की बात रखी गई ताकि यात्री को बारिश के दिनों में परेशानी नहीं हो। वहीं प्लेटफार्म नंबर एक से चार पर जाने के लिए जो फुटओवर ब्रिज है उस पर दिव्यांग तथा वृद्ध यात्री चढ़ नहीं पाते हैं। इससे उनको परेशानी होती है। इसके लिए एक्सीलेटर या लिफ्ट की व्यवस्था की जाए। इसके अलावा प्लेटफार्म नंबर एक से लोको पायलट जो रनिंग रूम में जाते हैं, उनके लिए पुल की व्यवस्था की जाए।

पानी की टीडीएस मात्रा ज्यादा होने पर लगेगा आरओ प्लांट

हाइड्रोजन प्लांट बनाने में भूमिगत जल का प्रयोग किया जाएगा जो बोर के जरिए प्लांट तक पहुंचाया जाएगा।
लेकिन इस पानी का टीडीएस 800 है। टीडीएस कम करने के लिए आरओ लगाया जाएगा। भूमिगत जल का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इसे पुनरावृत्त किया जा सकता है।

ट्रेन ठहराव के लिए जीएम से मिलने पहुंचे ग्रामीण

रेलवे जीएम आशुतोष गंगल की जींद आने की सूचना पर खापड, भोंगरा, बुडायन, कोथ, रोजखेड़ा, बड़ौदा, कापड़ो, कालता, छापड़ा गांवो से लोग जींद जंक्शन पर पहुंचे, लेकिन जब ग्रामीण पहुंचे तो जीएम वापस जा चुके थे। ऐसे में ग्रामीणों ने स्टेशन अधीक्षक जयप्रकाश से मिले। ग्रामीण सज्जन शास्त्री, रमेश, बलबीर सिंह चहल, ओमप्रकाश, बसाऊ राम व रामकुमार ने कहा कि शहर से 16 किलोमीटर की दूरी पर बड़ौदा गांव है, जिसके लिए रेलवे द्वारा हाल्ट बनाया है, लेकिन यहां ट्रेनों का कोई ठहराव नहीं है। जींद से कुरुक्षेत्र जाने वाली एक ट्रेन यहां रूकती है। नियमानुसार यहां से गुजरने वाली सभी ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित किया जाए।

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