मंत्रियों के आगे पीछे रहते, विधायकों का कहना नहीं मानते
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पहले गुरुग्राम के विधायक, अब जींद के विधायक ने जताई नाराजगी
सच कहूँ/संजय मेहरा
गुरुग्राम। क्या प्रदेश में अधिकारी विधायकों को हल्के में ले रहे हैं। जिस तरह से विधायकों द्वारा अधिकारियों के बारे में बयान दिये जा रहे हैं, इससे तो यही लगता है। विधायकों में से ही मंत्री और मुख्यमंत्री बनते हैं। फिर ऐसा क्यों है कि मंत्रियों व मुख्यमंत्री को छोड़कर विधायकों की अधिकारी बात नहीं मान रहे। यह बात आम जनता के बीच भी चर्चाओं में है। अधिकारियों के खिलाफ पहले गुरुग्राम के विधायक व अब जींद के विधायक ने कड़ी आपत्ति जताई है। हरियाणा विधानसभा के मॉनसून सत्र में गुडगांव के विधायक सुधीर सिंगला ने पूरी जिम्मेदारी के साथ कहा कि गुरुग्राम में अधिकारी बहुत लापरवाह हैं।
काम करने के खूब दावे करते हैं, लेकिन जब बारिश आती है तो काम कहीं नजर नहीं आते। गुरुग्राम की हालत बहुत खराब हो जाती है। जलभराव से जनजीवन ठप हो जाता है। करोड़ों रुपये गुरुग्राम में हर साल इन्हीं कार्यों पर खर्च किये जाते हैं, इसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं आता। विधायक सुधीर ने भरी सभा में कहा कि अधिकारी बहुत लापरवाह हैं। लापरवाही वे करते हैं, जनता के बीच जवाब हमें देना पड़ता है। उन्होंने खुलकर अधिकारियों के काम नहीं करने की पोल तो खोली ही, साथ में अपनी बात से यह भी बता दिया कि भ्रष्टाचार भी चरम पर है। क्योंकि करोड़ों खर्च होते हैं, समस्याएं वहीं रहती है। ऐसे में सवाल उठता है कि करोड़ों रुपये खर्च कहां हो रहे हैं।
- गुरुग्राम नगर निगम के वर्तमान आयुक्त मुकेश कुमार आहुजा ने जब यहां ज्वाइन किया तो वे मेयर मधु आजाद के घर पर मिलने पहुंचे।
- प्रोटोकॉल के तहत तो उन्हें विधायक सुधीर सिंगला से भी मिलना था।
- लेकिन वे विधायक के पास नहीं पहुंचे, बल्कि विधायक उनके पास पहुंचे। इस पर खूब चचार्एं भी हुई थी।
अब जींद के विधायक मिड्ढा के भी चढ़े तेवर
अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए अब जींद के विधायक कृष्ण मिड्ढा ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अधिकारियों को उग्रवादियों से भी बुरे आदमी बताया। क्योंकि उग्रवादी तो विस्फोट करके अपनी जिम्मेदारी ले लेते हैं, लेकिन अधिकारी शहर की दुर्दशा पर जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं हैं। विधायक ने कहा कि यह बात उन्होंने सीएम को भी कही है। वे बोले कि मुझे शर्म आ रही है कि मैं इन अधिकारियों के ऊपर विधायक हूँ। यह बात उन्होंने जींद शहर में जगह-जगह सड़कों, सीवरेज व अन्य समस्याओं को लेकर कही। इन समस्याओं को लेकर विभाग एक-दूसरे पर टाल रहे हैं। कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। ऐसे में विधायक के तेवर चढ़ने लाजिमी थे।
नागरिक अस्पताल के बाहर लापरवाही का उदाहरण
सेक्टर-9 अस्पताल जिला का अस्पताल है। अधिकारियों की उदासीनता और विधायक के आदेशों के बाद भी लापरवाही का बड़ा उदाहरण यह नागरिक अस्पताल है। अस्पताल की तरफ के हिस्से में बरसाती पानी की निकासी का कोई प्रबंध नहीं है। इसलिए वहां गेट के बाहर कई फुट पानी जमा होता है। विधायक सुधीर सिंगला ने अधिकारियों के दल के साथ मौके का मुआयना करके इस समस्या के समाधान को कहा था।
- साथ ही वहां टूटी सड़क को बनाने के आदेश दिए थे।
- अधिकारियों ने वहां पर एक मेनहॉल बनाकर अपने काम को पूरा करते हुए वाहवाही लूट ली।
- समस्या अब भी ज्यों की त्यों है। उतना ही पानी भरता है। सड़क को भी नहीं बनाया गया।
- बरसात का जब पानी भरता है तो स्टाफ और मरीज दीवारों के ऊपर से चलते हुए अस्पताल में प्रवेश करते हैं।
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