वाशिंगटन। अमेरिका से 10 करोड़ डालर मूल्य के कच्चे तेल की पहली खेप अगले महीने भारत पहुंचेगी। इसके साथ ही यह दोनों देशों के बीच रिश्तों को एक नया आयाम देने वाली शुरुआत है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा अमेरिका से तेल के निर्यात पर 40 साल पुराना प्रतिबंध हटाए जाने के करीब दो साल बाद कच्चा तेल भारत भेजा गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड्र ट्रंप ने 26 जून को हुई पहली बैठक में उर्जा क्षेत्र में संबंधों को मजबूत बनाने पर सहमति जताई थी। इसके तुरंत बाद भारतीय कंपनियों ने अमेरिका से कच्चे तेल की खरीद के अनुबंध करने शुरू किए। इंडियन आयल कारपारेशन तथा भारत पेट्रोलियम ने वहां 40 लाख बैरल से अधिक के आर्डर दिए है और इसके साथ भारत तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश बन गया है। दक्षिण कोरिया, जापान तथा चीन जैसे ऐशिया के कुछ अन्य देश भी वहां से तेल मंगाते हैं।
भारत में कहां रिसीव होगी खेप
अमेरिकी समुद्र से भारत के लिए क्रूड ऑयल की यह पहली खेप 6 से 14 अगस्त के बीच रवाना की गई। उम्मीद है कि सितंबर के आखिरी हफ्ते में ये ओडिशा के पाराद्वीप पोर्ट पर पहुंच जाएगी।
खपत में सबसे आगे भारत-चीन
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अगले 20 साल में भारत का एनर्जी कंजम्पशन रेट दूसरी बड़ी इकोनॉमीज की तुलना में सबसे ज्यादा होगा।
- 2035 तक भारत और चीन टोटल ग्लोबल एनर्जी डिमांड का 35% ऑर्डर करेंगे। बता दें कि यूएस के एनर्जी सेक्टर में भारत की चार बड़ी ऑयल कंपनियों ने इन्वेस्टमेंट किया है।
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