लखनऊ: किंग जार्ज चिकित्सा विश्र्वविद्यालय [केजीएमयू] के ट्रामा सेंटर में शाम सा़ढे सात बजे भीषण आग लग गई। उस वक्त ट्रॉमा सेंटर में चार सौ से ज्यादा मरीज भर्ती थे। आग लगने का कारण एसी में शार्ट सर्किट बताया जा रहा है।
दूसरे फ्लोर पर स्थित एडवांस ट्रामा लाइफ सपोर्ट [एटीएलएस] वार्ड में अचानक लगी आग देखते ही देखते विकराल हो गई और तीसरे फ्लोर पर मेडिसिन स्टोर में भी पहुंच गई।
घटना में हेमंत कुमार के अलावा लखनऊ के वसीम और अरविंद कुमार समेत 6 की मौत हो गई। तीनों की हालत गंभीर थी और एक अस्पताल से दूसरे में शिफ्ट करते वक्त जान गई। कई मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है। कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने बताया कि जलने से किसी भी व्यक्ति मौत नहीं हुई है।
शुरुआती जांच में ये चूक सामने आई हैं-
- फायर अलार्म सिस्टम काम नहीं कर रहा था।
- मरीजों और उनके तीमारदारों को उनके हाल पर छोड़ दिया।
- ऑक्सीजन की भी कमी सामने आई।
- इमरजेंसी गेट नहीं खोला. चाबियां नहीं मिल पाईं।
- फायर ब्रिगेड ट्रैफिक के कारण 20 मिनट देर से पहुंचा।
- स्ट्रेचर की कमी सामने आई।
योगी ने मंडलायुक्त को सौंपी जांच
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना की जांच तीन दिन के भीतर मंडलायुक्त लखनऊ से करने और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
रखा था प्लास्टिक का सामान
ट्रॉमा की दूसरी मंजिल पर बनी एटीएलएस यूनिट में प्लास्टिक के बेड व मैनीक्विन रखी थीं। इस कारण आग बहुत तेजी से फैली। आग ने ग्राउंड फ्लोर, पहली मंजिल व दूसरी मंजिल को अपनी गिरफ्त में ले लिया। तीसरी मंजिल पर ट्रामा वेंटीलेटर यूनिट ([टीवीयू)] में अत्यंत गंभीर मरीज थे, जिन्हें किसी तरह बचाया गया। जिस फ्लोर पर आग लगी उसमें आर्थोपेडिक विभाग, मेडिसिन विभाग व न्यूरो सर्जरी विभाग शामिल हैं। आग चौथे व पांचवे फ्लोर पर न पहुंचे इसके लिए क़़डी मशक्कत की गई।
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