आग की लपटों से घिरा जंगल, बेजुबानों पर संकट

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देहरादून (एंजेसी)। इन दिनों छह राष्ट्रीय पार्क, सात अभयारण्य और चार कंजर्वेशन रिजर्व वाला उत्तराखंड इन दिनों जंगलों की आग से हलकान है। 71 फीसद वन भूभाग वाले राज्य में जंगल सुलग रहे हैं। इससे वन संपदा को तो खासा नुकसान पहुंच ही रहा है, बेजुबान भी जान बचाने को इधर-उधर भटक रहे हैं। यही नहीं, वन्यजीवों के आबादी के नजदीक आने से मानव और इनके बीच संघर्ष तेज होने की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। ऐसे में जंगल की दहलीज पार करते ही उनके शिकार की भी आशंका है।

हालांकि, दावा है कि राज्यभर में गांवों, शहरों से लगी वन सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। साथ ही जंगल में वन्यजीवों के लिए पानी की व्यवस्था करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। राजाजी व कार्बेट टाइगर रिजर्व से लेकर उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित केदारनाथ वाइल्डलाइफ सेंचुरी तक के जंगल आग की गिरफ्त में हैं। न सिर्फ संरक्षित क्षेत्र, बल्कि अन्य वन प्रभागों में सभी जगह जंगल सुलग रहे हैं।

सूरतेहाल, बेजुबानों को इस दोहरी चुनौती से बचाने की चुनौती विभाग के सामने है। प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डीवीएस खाती भी इससे इत्तेफाक रखते हैं। वह कहते हैं कि पारे की उछाल और जंगल की आग के मद्देनजर वन्यजीवों को लेकर चिंता बढ़ गई है। इसलिए राज्यभर में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। वन्यजीवों की सुरक्षा को देखते हुए सभी संरक्षित-आरक्षित वन क्षेत्रों में गांव-शहरों से लगी सीमा पर वनकर्मियों की नियमित गश्त बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही जंगलों में बनाए गए वाटर होल में पानी का इंतजाम करने पर खास फोकस किया गया है।

प्रभावित हो सकती हैं उड़ानें

विशेषज्ञों के मुताबिक फिलहाल हवा की गति ठीकठाक है। यदि यह कम हुई तो धुएं व धूल के कणों से बनी धुंध के कारण स्मॉग जैसी स्थिति बनने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून के अनुसार, वर्तमान में धुएं और धूल के कणों से बनी धुंध से दृश्यता कम हो गई है। ऐसे में हेलीकॉप्टर ऑपरेशन में दिक्कत आ सकती है। हवा की गति कम हुई तो स्मॉग की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकते।

जंगल की लपटों से घिरा विद्यालय

पहाड़ों में विकराल होती जंगल की आग अब आबादी के लिए खतरा बनने लगी है। मंगलवार को जंगल से सटे केंद्रीय विद्यालय, गढ़वाल मंडलायुक्त कार्यालय और इसके परिसर में बने सरकारी आवास लपटों से घिर गए। इससे वहां अफरातफरी मच गई। घटना के वक्त विद्यालय में 650 छात्र-छात्राएं मौजूद थे। आननफानन बच्चों को कंडोलिया खेल मैदान में पहुंचाया गया। मौके पर पहुंचे अग्निशमन कर्मी, वन और पुलिस विभाग के लोगों ने चार घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।