नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में ‘अच्छे दिन’ आने की घोषणा करते हुए कहा कि मोदी सरकार ‘मन समर्पित, तन समर्पित और देश के लिए जीवन समर्पित’ की सरकार है। वित्त मंत्री ने सदन में विनियोग (संख्यांक तीन) विधेयक 2025 और वित्त विधेयक 2025 पर लगभग चार घंटे तक चली का चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि मोदी सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं जनधन, पीएम आवास योजना , स्वच्छ भारत, जल जीवन मिशन, उज्जवला, पीएम मुद्रा योजना, जन औषधि का व्यापक असर हुआ है और जनता के जीवन पर इसका प्रभाव दिखायी दे रहा है। उन्होंने कहा, ‘अच्छे दिन आ गये हैं और ये ही अच्छे दिन हैं। बाद में राज्यसभा ने ये दोनों विधेयकों को ध्वनिमत से लोकसभा को लौटा दिया।
उन्होंने कहा कि आयकर की श्रेणी में बदलाव से दो करोड़ करदाता कर दायरे से बाहर हो जाएगें। ये सभी मध्यम वर्ग और निम्न उच्च वर्ग से संबंधित हैं। करदाताओं के अनुपालना में कमी की गयी है। टीडीएस प्रक्रिया में भी बदलाव होगा। इससे लोगों को लाभ होगा और बाजार में मांग बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि यह केंद्रीय बजट सरकार की विकास की अवधारणा को प्रकट करता है। संग्रहित किये कर का उपयोग जनहित और देशहित में होता है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने कारोबारी शुल्क में बदलाव किया है जिससे अनुकूलता आयेगी। उत्पाद शुल्क में बदलाव से बाजार में मांग में इजाफा होगा। भारत में आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहन मिलेगा। निर्यातकों को लाभ होगा और अंतराष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पाद प्रतिस्पर्धी बनेंगे। उन्होंने कहा कि पुरानी और नयी पेंशन समान होगी। पेंशनरों को कोई नुकसान नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था पर से कोविड महामारी का असर खत्म हो रहा है। देश की अर्थव्यवस्था तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से बढ रही है। मोदी सरकार ने जीवन और आजीविका बचाने का प्रबंध किया है। कोविड के बाद सरकार ने रणनीति में बदलाव किया है और नीतिगत सुधार किये हैं। देश में डिजिटल का बुनियादी ढ़ांचा तैयार किया है जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिली है। उन्होंने कहा कि मनरेगा जैसी केंद्रीय योजनाओं के आवंटन में कोई कटौती नहीं की गयी है। इन योजनाओं के आवंटन का 105 प्रतिशत तक प्रयोग किया गया है। उन्होंने राज्यों के बीच राजस्व आवंटन में भेदभाव को खारिज करते हुए कहा कि यह वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार किया जाता है। इसमें राज्यों की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखा जाता है। राज्यों को वित्त आयोग के अलावा भी पूंजी उपलब्ध करायी जाती है। उन्होंने कहा कि राज्यों को वित्त प्रबंधन में सुधार करना होगा। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढाया गया है। जनता को लाभ मिल रहा है।