एनआरसी की अंतिम सूची जारी, 19 लाख लोग बाहर

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असम: फाइनल लिस्ट पर घमासान, सुप्रीम कोर्ट जाएगा आल असम स्टूडेंट्स यूनियन

  • अफवाह सुनकर महिला ने की आत्महत्या
  • 3 करोड़ 30 लाख लोगों ने किया था आवेदन

गुवाहाटी (एजेंसी)। असम के लिए राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची शनिवार को जारी कर दी गई जिसमें 19 लाख से अधिक लोगों को जगह नहीं मिली। एनआरसी की सूची में शामिल होने के लिए आवेदन करने वाले 3.30 करोड़ से अधिक आवेदकों में से 3.11 करोड़ से अधिक लोगों को एनआरसी की अंतिम सूची में जगह मिली है। एनआरसी के राज्य समन्वयक प्रतीक हजेला ने एक प्रेस वक्तव्य जारी कर कहा, ‘एनआरसी की अंतिम सूची में शामिल होने के लिए कुल 3,11,21,004 लोगों को योग्य पाया गया जबकि अपनी नागरिकता के संबंध में आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत न कर पाने वाले 19,06,657 लोगों को इस सूची से बाहर रखा गया है।

वहीं असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची जारी होने के बाद बवाल शुरू हो गया है। आॅल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) ने शनिवार को कहा कि वह अंतिम एनआरसी से निकाले गए नामों के आंकड़े से खुश नहीं है और इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगा। इसी बीच असम में सोनितपुर जिले के तेजपुर में एक महिला ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची में अपने परिवार के सदस्यों के नाम शामिल नहीं होने की अफवाह सुनने के बाद शनिवार को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली

  • 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश

एनआरसी की अंतिम सूची सुबह लगभग 10 बजे आॅनलाइन जारी की गई। इसके बाद असम में अवैध रूप से रह रहे विदेशियों की पहचान करने वाली 6 साल की कार्यवाही पर विराम लग गया। असम के लोगों के लिए एनआरसी का बड़ा महत्व है क्योंकि राज्य में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लेने और उन्हें वापस भेजने के लिए छह साल तक (1979-1985) आंदोलन चला था। एनआरसी को संशोधित करने की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2013 में शुरू हुई। इसे सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में भारत के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा किया जा रहा है।

  • 120 दिनों के भीतर अप्लाई कर सकेंगे लोग

मुख्यमंत्री सबार्नंद सोनोवाल ने कहा कि जिन लोगों का नाम लिस्ट में शामिल नहीं होगा, वे फॉर्नर ट्रिब्यूनल में 120 दिनों के भीतर अप्लाई कर सकते हैं। सुरक्षा -व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए 51 कंपनियां तैनात की गई हैं।

  • क्या है एनआरसी

नेशनल रजिस्टर आॅफ सिटिजंस (एनआरसी) एक दस्तावेज है जो इस बात की शिनाख्त करता है कि कौन व्यक्ति देश का वास्तविक नागरिक है और कौन देश में अवैध रूप से रह रहा हैं। अवैध नागरिकों की पहली शिनाख्त साल 1951 में पंडित नेहरू की सरकार द्वारा असम के तत्कालीन मुख्यमंत्री गोपीनाथ बारदोलोई को शांत करने के लिए की गई थी। बारदोलाई विभाजन के बाद बड़ी संख्या में पूर्वी पाकिस्तान से भागकर आए बंगाली हिंदू शरणार्थियों को असम में बसाए जाने के खिलाफ थे।