किसान अपनी मांग पर अड़े, आज फिर बातचीत रही बेनतीजा

Kissan-protest

9 दिसंबर को होगी छटे दौर की बैठक

  • दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसान

नई दिल्ली (एजेंसी)। कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध जारी है। शनिवार को 5वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही। बैठक में सरकार ने किसानों से और वक्त मांगा। अब 9 दिसंबर को सुबह 11 बजे फिर सरकार और किसान नेताओं की बातचीत होगी। नए कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर 10वें दिन भी डटे हुए हैं। सरकार और किसानों के बीच 5वें दौर की बातचीत चल रही है। केन्द्रीय कृषि मंत्री, रेल मंत्री विज्ञान भवन में किसानों से बातचीत कर रहे हैं। विज्ञान भवन में किसान संगठनों के 40 प्रतिनिधि बातचीत के लिए मौजूद हैं। बैठक होने से पहले कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने उम्मीद जताई है कि किसान सकारात्मक सोचेंगे और अपना आंदोलन समाप्त करेंगे।

सूत्रों का कहना है कि सरकार कृषि कानूनों में कुछ बदलाव कर सकती है जिसका प्रस्ताव किसानों के समक्ष आज रखा जाएगा। उधर किसानों के समर्थन में भारतीय परिवहन संघ ने 8 दिसंबर से हड़ताल करने का ऐलान किया है। इससे पहले किसानों के मुद्दे पर सुबह गृहमंत्री अमित शाह और पीएम मोदी से मिलने पहुंचे थे। इस बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री भी मौजूद थे। बैठक खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री और अमित शाह की फिर बैठक हुई।

सरकार ने देशभर के किसानों को संकट में धकेल दिया: राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि बिहार में किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के बिना परेशान है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश के किसानों को ही इस संकट में धकेल दिया है। गांधी ने शनिवार को कहा “बिहार का किसान एमएसपी- एपीएमसी के बिना बेहद मुसीबत में है और अब प्रधानमंत्री ने पूरे देश को इसी कुएँ में धकेल दिया है। ऐसे में देश के अन्नदाता का साथ देना हमारा कर्तव्य है।”

इसके साथ ही उन्होंने एमएसपी नहीं मिलने से परेशान बिहार के किसानों का एक वीडियो जारी किया है जिसमें कहा गया है कि औरंगाबाद के किसानों को धान का एमएसपी नहीं मिल रहा है और सरकार उनके संकट पर ध्यान नहीं दे रही है। किसानों की धान की खेती पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। इस बीच कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने श्री मोदी को किसान आंदोलन खत्म करने के लिए हठ छोड़ने की सलाह दी और कहा “राजहठ त्यागिये, राजधर्म मानिये। अन्नदाता की सुनें, काले कानूनों को निरस्त करें। वरना,इतिहास ने कभी अहंकार को माफ नही किया। किसान विरोधी मोदी सरकार।”

पांच वाम दलों ने किसानों के भारत बन्द का समर्थन किया

पांच वामदलों ने कृषि कानून के विरोध में आठ दिसंबर के “भारत बंद” को सफल बनाने के लिए सभी राजनीतिक दलों और संगठनों का आह्वान किया है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ,भाकपा( माले) फॉरवर्ड ब्लॉक और आल इंडिया सोशलिस्ट पार्टी ने आज यहां जारी एक संयुक्त बयान में कहा है कि पिछले कुछ दिनों से देश में चल रहे किसान आंदोलन के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणियां की जा रही और दुष्प्रचार किया जा रहा है जिसकी वे निंदा करते हैं।

बयान में कहा गया है कि ये किसान तीन कृषि कानूनों और प्रस्तावित बिजली विधेयक का विरोध कर रहे है और हम लोग उनके इस आंदोलन का समर्थन करते हैं। वाम दलों ने यह भी कहा कि वे भारत बन्द का समर्थन करते हैं और सभी राजनीतिक दलों से अपील करते हैं कि वे भी इस बन्द का समर्थन करें। बयान पर माकपा महासचिव सीता राम येचुरी भाकपा महासचिव डी राजा भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य फारवर्ड ब्लॉक के महासचिव देबब्रत विश्वास और रेवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के महासचिव मनोज भट्टाचार्य के हस्ताक्षर हैं।

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