नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए आॅपरेशन गंगा के तहत सोमवार को रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से 249 भारतीयों को लेकर पांचवां विमान यहां पहुंचा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्वीट कर कहा, ‘भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।’ विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने रविवार को कहा था कि 1,000 भारतीय नागरिकों को रोमानिया और हंगरी के रास्ते बाहर निकाला गया और अन्य 1,000 नागरिकों को यूक्रेन से सड़क मार्ग से निकाला जा रहा है।
साइप्रस ने रूसी विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र किया बंद
यूक्रेन में रूसी सैन्य कार्रवाई के खिलाफ साइप्रस ने रूसी विमानों के लिए अपना क्षेत्र बंद करने का निर्णय लिया है। यह जानकारी नागरिक उड्डयन विभाग ने दी है। नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने अपने बयान में कहा कि रूसी संघ के सभी प्रकार के विमानों को अब साइप्रस हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने, बाहर निकलने या उड़ान भरने पर प्रतिबंध है। बयान में कहा गया कि आपातकालीन लैंडिंग, मानवीय उड़ानों और खोज तथा बचाव कार्यों के लिए आपातकालीन लैंडिंग स्थिति के ऊपर निर्भर करता है। यूरोपीय संघ के विदेश मंत्री रविवार को सभी रूसी विमानों के लिए यूरोपीय हवाई क्षेत्र को बंद करने पर सहमति व्यक्त की। जिसके बाद, एयरोफ्लोट (रूसी एयरलाइंस) ने कहा कि वह 28 फरवरी से सभी यूरोपीय मार्गों के माध्यम से उड़ानों को रद्द कर रही है। जानकारी के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र का 11वां आपातकालीन विशेष सत्र संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय, न्यूयॉर्क में सोमवार को 10 बजे आयोजित किया जाएगा।
सी अंतरिक्ष सुविधाएं, सैटेलाइट साइबर हमले से सुरक्षित: रोस्कोस्मोस
रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के प्रमुख दिमित्री रोगोजिन ने रविवार को कहा कि रूसी अंतरिक्ष क्षेत्र, सैटेलाइट और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) साइबर अपराधियों से पूरी तरह सुरक्षित हैं। रोस्कोस्मोस का आधिकारिक वेब पेज कई दिनों से कई डीडीओएस साइबर हमलों को झेल रहा है। रोगोजिन ने अपने टेलिग्राम चैनल पर कहा कि “अंतरिक्ष क्षेत्र, कक्षीय समूह और आईएसएस साइबर अपराधियों से सुरक्षित और अलग-थलग हैं।” उन्होंने बताया कि रोस्कोस्मोस वेबसाइट अंतरिक्ष के बारे में जानने के उत्सुक लोगों के लिए एजेंसी और उसके मिशनों के बारे में सामान्य जानकारी मुहैया करवाती है। एजेंसी की वेबसाइट ने शुक्रवार को काम करना बंद कर दिया था, जिससे विजिटर्स को वेबसाइट पर डेटाबेस त्रुटि संदेश दिखाई दे रहा था। बाद में पता चला कि वेबसाइट पर बॉटनेट का उपयोग करके यूक्रेनी शहर ल्विव से साइबर हमला किया गया था। रोस्कोस्मोस का आधिकारिक वेब पेज वर्तमान में काम नहीं कर रहा है।
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